बच्चों की मासूमियत आप खुद न छीनें

1. घर के बड़े लोग अक्सर छोटे बच्चों के सामने ही उन लोगों का अनादर करते रहते हैं जिन्हें वे सामने रहने पर बहुत सम्मान देते हैं, जिसके फलस्वरूप बच्चों में असमंजस की स्तिथि उत्पन्न हो जाती है.

2. अंततः बच्चे भी उनके नक्शेकदम पर चलते हुए लोगों से वैसा ही व्यवहार करने लगते हैं, जिसकी वजह से बहुत कम उम्र में ही बच्चे अपनी मासूमियत खो देते हैं.

3. इसी ही तरह बच्चे जातिवाद, गरीबी, धर्म आदि द्वारा भेदभाव करना भी सीख जाते हैं, और संवेदनहीन हो जाते हैं.

4. अगर हम चाहते हैं कि बच्चे रिश्तों के प्रति संवेदनशील रहें और उनका भोलापन व भावुकता बनी रहे, तो हमें उनके दिलोदिमाग में किसी के प्रति अपनी धारणा नहीं भरनी चाहिए.

5. हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि इंसान एक सामाजिक प्राणी है और वह अपने से आगे के लोगों का ही अनुसरण करता है.