1. हमारे जीवनशैली की विडंबना यह है कि जब भूख नहीं लगती तब हम खाना खा रहे होते हैं ताकि बाद में भूख न लगे, और जब भूख लगती है तो जी-तोड़ मेहनत कर रहे होते हैं ताकि काम में पीछे न रह जाएं.
2. यह अपनी सेहत से खिलवाड़ करने जैसा है, और इसका नतीजा मोटापा, उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त शर्करा और अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल है.
3. सामान्यतः हम मानते हैं कि सुबह, दोपहर और रात, यानी तीन वक़्त, पेट भरकर भोजन करना चाहिए, मगर ऐसा आहार हमारे स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है.
4. हमें इन आहारों के बीच में थोड़े-थोड़े अंतराल पर कुछ फल और अन्य हल्के फुल्के आहार का सेवन करते रहना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से हमें भूख कम लगती है और भारी भोजन करने की भी जरूरत नहीं पड़ती है.
5. इसके फलस्वरूप मोटापा की समस्या नहीं होती, कामकाज के दौरान शरीर अलसाया हुआ व निष्क्रिय भी प्रतीत नहीं होता, और हमारी ऊर्जा भी बची रहती है.
6. ऐसे आहारों में, हमें खाद्य पदार्थ का चयन करते वक़्त सजग रहना जरूरी है, और तैलीय व वसायुक्त चीजों की बजाय फल, अंकुरित दाल, कच्ची सब्जियां, केले, सलाद आदि को प्राथमिकता दें.