आंतरिक खूबसूरती ही असली सुंदरता है

 1. बचपन से लड़कियों के मन में यह बात भर दी जाती है की उसके लिए सुंदर दिखना कितना जरूरी है, जब कि हम जैसे हैं, हमें खुद को उसी रूप में स्वीकार करना चाहिए.

2. बाहरी खूबसूरती, यानी आपका रंगरूप, आपकी चाल और बोलने के अंदाज को प्रायः लोग वास्तविक सुंदरता समझते हैं, मगर वास्तव में आंतरिक खूबसूरती, यानी आपका दिल, आपके कर्म, आपकी आंखों में गहराई, आपकी सोच, विचार व समझने की शक्ति ही आपको आकर्षक बनाने में बहुत मायने रखती हैं.

3. रूप से ज्यादा हुनर बोलता है, जैसे कोई लेखन या चित्रकारी करता है, कोई बहुत सुरीला गाता है या नृत्य में माहिर होता है, या कोई पाकशाला या कढ़ाई-सिलाई में माहिर होता है.

4. इसके अलावा, यदि आप मिलनसार हैं, दूसरों को समझती हैं, मिलजुल कर रहना जानती हैं, सहज व खुशमिजाज हैं, और बड़ों को पूरा सम्मान देती हैं, तो ये सारी खूबियां आपको दूसरों की नज़रों में आकर्षक बनाती हैं.

5. इन गुणों को आप भले ही खुद महसूस न कर पाएं और महत्वपूर्ण न मानें, पर सामने वाला ये सब भांप सकता है और आपकी आंतरिक खूबसूरती को पहचान लेता है, जिसके फलस्वरूप वह आपके मन की सुंदरता के प्रति सहज ही आकर्षित हो जाता है.