जिम्मेदारी

1. जब भी कोई ऐसा कार्य आता है जिसे बहुत सारे लोगों को मिल कर करना होता है, तो अक्सर हम अपनी जिम्मेदारियों से यह सोच कर पीछे हट जाते हैं कि कोई न कोई तो उसे कर ही देगा.

2. हमारी इसी सोच की वजह से, स्तिथियाँ वैसी की वैसी बनी रहती हैं.

3. अगर हम दूसरों की परवाह किए बिना, अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाने लग जाएं, तो हम ऐसा बदलाव ला सकते हैं जिसकी सारे लोगों को जरूरत है.