1. हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए की आपको भले ही कितना भी गुस्सा आये, आप दूसरों से गलत बात नहीं कह सकते, गलत व्यवहार नहीं कर सकते, और हाथ नहीं उठा सकते.
2. रिश्तों में मर्यादा इसलिए भंग होती है क्योंकि हर किसी के लिए इसके मायने अलग होते हैं, पर जो हमारे लिए सही है, जरूरी नहीं कि वो दूसरों को भी सही लगे.
3. इसके फलस्वरूप एक-दूसरे को नियंत्रण करने की भावना बहुत प्रबल हो जाती है, और रिश्तों में दरार पड़ जाती है.
4. रिश्तों का मतलब एक दूसरे को नियंत्रित करना नहीं, बल्कि आज़ादी देना होता है.
5. इसके लिए सभी के विचार, अभिव्यक्ति और आत्मसम्मान की स्वतंत्रता का आदर करना बेहद ज़रूरी है.
2. रिश्तों में मर्यादा इसलिए भंग होती है क्योंकि हर किसी के लिए इसके मायने अलग होते हैं, पर जो हमारे लिए सही है, जरूरी नहीं कि वो दूसरों को भी सही लगे.
3. इसके फलस्वरूप एक-दूसरे को नियंत्रण करने की भावना बहुत प्रबल हो जाती है, और रिश्तों में दरार पड़ जाती है.
4. रिश्तों का मतलब एक दूसरे को नियंत्रित करना नहीं, बल्कि आज़ादी देना होता है.
5. इसके लिए सभी के विचार, अभिव्यक्ति और आत्मसम्मान की स्वतंत्रता का आदर करना बेहद ज़रूरी है.