नकारात्मकता को नकारें

1. मन में कोई नकारात्मक विचार आ रहा हो, तो उसे रोकने की भरसक कोशिश करें.
2. इस क्रिया में अपने कान पकड़े जा सकते हैं, और खुद को ही एक चपत भी लगाई जा सकती है.
3. कोई सकारात्मक बात इतनी जोर से चिल्लाकर कहें कि आसपास के लोग सुन सकें.
4. जो फैसला किया है, उसपर अडिग रहें और पछतावे से दूर रहें.
5. खुद को कोसना या अपराध बोध से ग्रसित रहना बंद करें.
6. जो कुछ भी आप करते हों, उसपर मनन करते रहें, लेकिन सोचविचार में अति भी न करें.
7. बाबाओं और गुरुओं की बातों में आकर अपने जीवन को सरल और सहज करने पर झपट न पड़ें.
8. अपनी जरूरतों को कम रखें, और अपने शरीर की पेशियों, विचारों और व्यवहार की पुनर्रचना का संकल्प करें.
9. अपने जीवन में बड़े बदलाव करने की हड़बड़ी न करें, और उसकी दिशा में एक कदम बढ़ाने से ही शुरुआत हो जाती है.
10. दूसरों को बदलने से पहले खुद को बदलने की कोशिश करें.
11. ज़िन्दगी में सबकुछ जुटा लेने की होड़ या मोह में न पड़ें, और खुद को निर्लिप्त बनाने का प्रयास करें; यह कठिन है पर मुश्किल नहीं.
12. इस संसार में रुचि बराबर लेते रहें और इससे मुंह न मोड़ें.
13. नई चीज़ें सीखने-समझने की कोशिश करते रहें, और अनूठी बातों को रस लेकर घटित होते देखें.
14. कभी-कभार अपने सुविधा क्षेत्र से बाहर निकालें और अलग सोच-विचार भी करें.
15. बीती बातों पर सिर न फोड़ें, उन्हें बिसार दें और आगे की सुध लें, क्योंकि आप अतीत को नहीं बदल सकते.
16. इनके बारे में तभी सोचें जब इनसे कोई वर्तमान के लिए सबक मिलता हो, क्योंकि आपका वर्तमान ही आपके भविष्य का सृजन करेगा.
17. हमेशा वह काम करें जो आपको अच्छाई की ओर ले जाए, आपके जीवन को बेहतर दिशा दे और आप को आनंद दे.
18. संतुष्ट रहें, कृतज्ञता व्यक्त करना न भूलें, और वर्तमान में जीयें.