1. घर की रोज़मर्रा की ज़रूरत में शामिल चीजों की खरीदारी या उनकी मरम्मत को टालना भविष्य में मुसीबत को न्योता देना है.
2. अगर आप सब्ज़ियां और फल भी सबसे सस्ते ही चुनते हैं, तो समझ लें कि यह बचत की सनक या कंजूसी ही है.
3. महीने में एक-आध बार स्वाद बदलने के लिए घर के दूसरे सदस्य किसी अच्छी जगह भोजन करना चाहें, तो सिर्फ खर्च की बात सोचकर आपका ना-नुकुर करना भी ठीक बात नहीं है.
4. अगर आप कोई न कोई बहाना बनाकर हमेशा ही बच्चों की फरमाइश का मटियामेट कर देते हैं, तो इस तरह की बचत की आदत भी बुरी है.
5. जो चीज़ें नित्य उपयोग की हैं, उन्हें थोक बाजार से या अपने दुकानदार से मोलभाव करके ज्यादा मात्रा में लें, क्योंकि इन्हें थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेना एक तरह से नासमझी है.
6. मामूली खर्च से हाथ सिकोड़ना, और खराब हो गई चीजों को भी बदलने का नाम नहीं लेना, आपको दीन-हीन या कंजूस दर्शाता है.
7. थोड़ी सी बचत के लिए समय की बर्बादी भी आपकी सनक दर्शाता है, क्योंकि आप जितना समय बर्बाद करेंगे, उसमे कई काम होंगे.
8. इसलिए ज़रूरत से ज्यादा बचाने की आदत से बचें, क्योंकि यह आदत भारी पैड सकती है.
2. अगर आप सब्ज़ियां और फल भी सबसे सस्ते ही चुनते हैं, तो समझ लें कि यह बचत की सनक या कंजूसी ही है.
3. महीने में एक-आध बार स्वाद बदलने के लिए घर के दूसरे सदस्य किसी अच्छी जगह भोजन करना चाहें, तो सिर्फ खर्च की बात सोचकर आपका ना-नुकुर करना भी ठीक बात नहीं है.
4. अगर आप कोई न कोई बहाना बनाकर हमेशा ही बच्चों की फरमाइश का मटियामेट कर देते हैं, तो इस तरह की बचत की आदत भी बुरी है.
5. जो चीज़ें नित्य उपयोग की हैं, उन्हें थोक बाजार से या अपने दुकानदार से मोलभाव करके ज्यादा मात्रा में लें, क्योंकि इन्हें थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेना एक तरह से नासमझी है.
6. मामूली खर्च से हाथ सिकोड़ना, और खराब हो गई चीजों को भी बदलने का नाम नहीं लेना, आपको दीन-हीन या कंजूस दर्शाता है.
7. थोड़ी सी बचत के लिए समय की बर्बादी भी आपकी सनक दर्शाता है, क्योंकि आप जितना समय बर्बाद करेंगे, उसमे कई काम होंगे.
8. इसलिए ज़रूरत से ज्यादा बचाने की आदत से बचें, क्योंकि यह आदत भारी पैड सकती है.