लैपटॉप में आग लगने से बचाएं

1. लैपटॉप में आग लगने की ज्यादातर घटनाओं में उनके "स्लीप मोड" (निद्रा प्रणाली) में होने को जिम्मेदार ठहराया गया है.
2. इसलिए लैपटॉप को "स्लीप मोड" की बजाय "शटडाउन" (बंद) करना ही बेहतर विकल्प है.
3. लैपटॉप को रह-रह कर बार-बार इस्तेमाल करने के चलते ज्यादातर लोग "स्लीप मोड" का इस्तेमाल करते हैं.
4. लेकिन इससे बैटरी पर ज्यादा जोर पड़ता है, और उनके गर्म होने से आग लगने का खतरा बढ़ जाता है.
5. इससे बैटरी को भी नुकसान होता है और वे जल्दी खराब भी हो जाती हैं.
6. अगर आप लैपटॉप को "शटडाउन" नहीं करना चाहते, तो "स्लीप मोड" की बजाय "हाइबरनेट मोड" (शीतनिद्रा प्रणाली) का उपयोग करें.
7. इससे बैटरी को बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुंचेगा, और लैपटॉप की लाइफ भी बढ़ेगी.

बचत की सनक से बचें

1. घर की रोज़मर्रा की ज़रूरत में शामिल चीजों की खरीदारी या उनकी मरम्मत को टालना भविष्य में मुसीबत को न्योता देना है.
2. अगर आप सब्ज़ियां और फल भी सबसे सस्ते ही चुनते हैं, तो समझ लें कि यह बचत की सनक या कंजूसी ही है.
3. महीने में एक-आध बार स्वाद बदलने के लिए घर के दूसरे सदस्य किसी अच्छी जगह भोजन करना चाहें, तो सिर्फ खर्च की बात सोचकर आपका ना-नुकुर करना भी ठीक बात नहीं है.
4. अगर आप कोई न कोई बहाना बनाकर हमेशा ही बच्चों की फरमाइश का मटियामेट कर देते हैं, तो इस तरह की बचत की आदत भी बुरी है.
5. जो चीज़ें नित्य उपयोग की हैं, उन्हें थोक बाजार से या अपने दुकानदार से मोलभाव करके ज्यादा मात्रा में लें, क्योंकि इन्हें थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेना एक तरह से नासमझी है.
6. मामूली खर्च से हाथ सिकोड़ना, और खराब हो गई चीजों को भी बदलने का नाम नहीं लेना, आपको दीन-हीन या कंजूस दर्शाता है.
7. थोड़ी सी बचत के लिए समय की बर्बादी भी आपकी सनक दर्शाता है, क्योंकि आप जितना समय बर्बाद करेंगे, उसमे कई काम होंगे.
8. इसलिए ज़रूरत से ज्यादा बचाने की आदत से बचें, क्योंकि यह आदत भारी पैड सकती है.

अच्छे शिस्टाचार

एक सज्जन बनने के लिए निम्नलिखित अच्छे शिष्टाचार आवश्यक हैं: -
1. अगर आप गलती से किसी के व्यक्तिगत स्थान में कदम रख लेते हैं, तो उसे अनदेखा कर आगे बढ़ने से अच्छा है कि विनम्रता के साथ माफी मांग लें.
2. किसी को जबरन कोई वस्तु, किताब या उपकरण देने का प्रयत्न न करें.
3. कहीं भी जोर-जोर से मोबाइल पर बातें न करें.
4. कहीं भी चढ़ने, उतरने, अंदर जाने या बाहर आने के समय अपनी बारी की प्रतीक्षा करें.
5. किसी समारोह में दोस्तों, रिश्तेदारों और सहयोगियों के साथ वक़्त बिताएं, ना कि अपने फ़ोन या कैमरा के साथ.
6. किसी सामाजिक नेटवर्किंग साइट पर एक-दूसरे को निशाना न बनाएं, और न ही ई-गपशप करें.
7. यदि आप किसी भी जगह पर देर से आ रहे हैं, तो अपनी बारी के लिए जल्दी न करें.

शरीर के हिसाब से साड़ियां चुनें

1. अक्सर हम साड़ियों का चुनाव सिर्फ उनकी बनावट और रंग के आधार पर करते हैं, लेकिन उन्हें अपने आकार के हिसाब से भी चुनना आवश्यक है.
2. अगर आप पतली हैं तो:-
a) सूती, रेशमी और ऑर्गैन्ज़ा के कपड़ों वाली साड़ियां चुनें, जिससे आपका शरीर भरा हुआ लगेगा.
b) भारी कढ़ाई वाली हल्के रंग की साड़ियां चुनें.
c) जरी, मोती, बड़ी और मोटी छपाई भी बहुत जंचेंगी.
d) ब्लाउज में बैकलेस, स्लीवलेस, डोर वाली हॉल्टर नेक और ट्यूब इन साड़ियों के साथ जंचेंगी.
3. अगर आप सुडौल महिला हैं तो:-
a) जॉर्जेट, शिफॉन और जालीदार कपड़ों की साड़ियां ज्यादा फबेंगी.
b) ये आपके शरीर पर आसानी से लिपटेंगी और वक्र को ऊभारेंगी.
c) गाढ़े रंग की हल्के वज़न की साड़ियां खरीदें, जिनमें हल्के-फुल्के काम किये हुए हों.
d) आप इनके साथ क्रिस-क्रॉस ब्लाउज भी पहन सकती हैं.
4. अगर आपका शरीर नाशपाती के आकार का है तो:-
a) ऐसे में शरीर का निचला हिस्सा ऊपरी हिस्से की अपेक्षा थोड़ा भारी होता है.
b) जॉर्जेट और शिफॉन के कपड़ों की साड़ियां ज्यादा फबेंगी.
c) मत्स्य कटाव वाली साड़ियां न पहनें क्योंकि इससे शरीर का निचला हिस्सा और ज्यादा स्पष्ट होगा.
d) खूबसूरत बॉर्डर, छोटी छपाई और कढ़ाई वाली साड़ियां ऐसे शरीर पर बहुत जंचती हैं.
e) साड़ियों को सीधा पल्लू लेकर पहनें.
5. अगर आपका शरीर सेब के आकार का है तो:-
a) ऐसे में शरीर का ऊपरी हिस्सा निचले हिस्से की अपेक्षा थोड़ा भारी होता है.
b) खूबसूरत कढ़ाई वाली साड़ियां ऐसे शरीर पर बहुत जंचती हैं.
c) सूती, जालीदार और मोटे कपड़े की साड़ियां बिल्कुल न चुनें.
d) कमर को ढांकने के लिए लंबी ब्लाउज पहनें या साड़ी को थोड़ा ऊपर बाँधें.

हर हालत में खुश कैसे रहें?

1. रोज़ अच्छा स्वस्थ खाना खाएं.
2. भोजन के समय कोई नकारात्मक दृश्य न देखें, हो सके तो हास्य कार्यक्रम देखें.
3. भोजन के समय कोई नकारात्मक बात न सोचें, और हल्की-फुल्की बातें करें.
4. दिन की शुरुआत व्यायाम से करें, और उसके बाद थोड़ा सरल ध्यान करें.
5. रोज़ 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें.
6. मन को हमेशा शांत रखें और जवाब देने की हड़बड़ी न करें.
7. किसी से अपनी तुलना न करें और ना ही जलन महसूस करें.
8. दूसरों की बात अच्छी तरह सुनने के बाद ही जवाब दें.
9. विश्वास रखें कि आप हर चीज़ कर सकते हैं.
10. अपने कार्य को यथासंभव रचनात्मक बनाएं.
11. दूसरों को दिखाने या सबक सिखाने के लिए कोई काम न करें.
12. बुरे लोग और बुरी बातों से दूरी बनाएं रखें.
13. दूसरों की गलतियाँ गिनाने की बजाय अपने गिरेबान में झांक कर गलतियाँ सुधारें.
14. अपने दिल की बात सुनें जो नकारात्मक रवैये में जाने से रोकता है.
15. लड़ाई-झगड़ा न करके शांति से समाधान ढूंढें.
16. लोगों का सम्मान करें और उन्हें खुशियां दें.
17. आपके पास जो भी है, उससे संतुष्ट रहें.
18. नई चुनौतियां स्वीकार करते रहें, जिससे उत्साह और आत्मविश्वास बढ़ता रहे.
19. सोशल मीडिया से उतना ही जुड़ें जो पेशे या निजी हित के लिए आवश्यक है.
20. अपने परिवार और प्रियजनों के साथ अवश्य समय बिताएं.
21. नए दोस्त बनाएं, नए अनुभवों से अवगत हों और हमेशा वर्तमान की सोचें.
22. दूसरों की छोटी-छोटी त्रुटियों को क्षमा करने की आदत डालें.
23. अपने गुस्से को काबू में रखें.
24. ज़रूरतों और लालसा को काबू में रखें.
25. साधारण जीवन जीएं.

नकारात्मकता को नकारें

1. मन में कोई नकारात्मक विचार आ रहा हो, तो उसे रोकने की भरसक कोशिश करें.
2. इस क्रिया में अपने कान पकड़े जा सकते हैं, और खुद को ही एक चपत भी लगाई जा सकती है.
3. कोई सकारात्मक बात इतनी जोर से चिल्लाकर कहें कि आसपास के लोग सुन सकें.
4. जो फैसला किया है, उसपर अडिग रहें और पछतावे से दूर रहें.
5. खुद को कोसना या अपराध बोध से ग्रसित रहना बंद करें.
6. जो कुछ भी आप करते हों, उसपर मनन करते रहें, लेकिन सोचविचार में अति भी न करें.
7. बाबाओं और गुरुओं की बातों में आकर अपने जीवन को सरल और सहज करने पर झपट न पड़ें.
8. अपनी जरूरतों को कम रखें, और अपने शरीर की पेशियों, विचारों और व्यवहार की पुनर्रचना का संकल्प करें.
9. अपने जीवन में बड़े बदलाव करने की हड़बड़ी न करें, और उसकी दिशा में एक कदम बढ़ाने से ही शुरुआत हो जाती है.
10. दूसरों को बदलने से पहले खुद को बदलने की कोशिश करें.
11. ज़िन्दगी में सबकुछ जुटा लेने की होड़ या मोह में न पड़ें, और खुद को निर्लिप्त बनाने का प्रयास करें; यह कठिन है पर मुश्किल नहीं.
12. इस संसार में रुचि बराबर लेते रहें और इससे मुंह न मोड़ें.
13. नई चीज़ें सीखने-समझने की कोशिश करते रहें, और अनूठी बातों को रस लेकर घटित होते देखें.
14. कभी-कभार अपने सुविधा क्षेत्र से बाहर निकालें और अलग सोच-विचार भी करें.
15. बीती बातों पर सिर न फोड़ें, उन्हें बिसार दें और आगे की सुध लें, क्योंकि आप अतीत को नहीं बदल सकते.
16. इनके बारे में तभी सोचें जब इनसे कोई वर्तमान के लिए सबक मिलता हो, क्योंकि आपका वर्तमान ही आपके भविष्य का सृजन करेगा.
17. हमेशा वह काम करें जो आपको अच्छाई की ओर ले जाए, आपके जीवन को बेहतर दिशा दे और आप को आनंद दे.
18. संतुष्ट रहें, कृतज्ञता व्यक्त करना न भूलें, और वर्तमान में जीयें.

शरीर के संकेतों से समझे अपना रक्तचाप स्तर

1. आमतौर पर धमनियों में रक्त का दबाव अगर 120/80 हो, तो इसको सामान्य रक्तचाप माना जाता है.
2. अगर इसका स्तर इससे ज्यादा होने लगे, तो उसे उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन कहते हैं, और इससे कम होने लगे, तो उसे कम रक्तचाप या हाइपोटेंशन कहते हैं, और दोनों ही स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं.
3. हम शरीर के कुछ संकेतों से इन स्तिथियों के बारे में जान सकते हैं और तुरंत किसी चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं.
4. उच्च रक्तचाप के लक्षण:-
a) सिर में तेज़ दर्द होना.
b) सीने में भारीपन और दर्द होना.
c) अचानक से घबराहट होने लगना.
d) चेहरे या हाथ-पैरों में अचानक से सुन्नपन महसूस करना.
e) कमजोरी महसूस करना और धुंधला दिखाई देना.
f) बोलने या समझने में कठनाई महसूस करना.
g) सांस लेने में परेशानी महसूस करना.
5. कम रक्तचाप के लक्षण:-
a) भूख न लगना.
b) आंखों का रंग हल्का लाल होना.
c) सांसें तेज़ होना और धड़कनें बढ़ना.
d) अवसाद, थकान और निराश बने रहना.
e) अचानक से जी मिचलाना और प्यास लगना.
f) त्वचा में धीरे धीरे पीलापन आना.
g) आंखों से धुंधला दिखाई देने लगना.

पुरानी चांदी को घर पर चमकाने के नुस्ख़े

1. एक बर्तन में पानी और नमक का घोल बना लें, इसमे एल्युमीनियम की पन्नी के कुछ टुकड़े मिला दें, अब इस घोल में चांदी के बर्तन व जेवर डाल दें, और 30 मिनट बाद चांदी को निकाल लें और ब्रश से साफ करके सुख लें.
2. एक बर्तन में पानी और डिटर्जेंट पाउडर का घोल बना लें, फिर इसे उबालें, अब इस घोल में चांदी के बर्तन व जेवर डाल दें, और 30 मिनट बाद चांदी को निकाल लें और ब्रश से साफ करके सुख लें.
3. एक बर्तन में पानी, नींबू और नमक का घोल बना लें, अब इस घोल में चांदी के बर्तन व जेवर डाल दें, और रात भर छोड़ने के बाद चांदी को निकाल लें और ब्रश से साफ करके सुख लें.
4. एक सूती कपड़ा लें, इसपर टूथपेस्ट लगाएं, और जिस चांदी के बर्तन या जेवर को चमकाना है, उसे इस कपड़े से हल्के हाथ से रगड़ें.

वरिष्ठ नागरिकों को अपनी जीवनशैली बदलनी चाहिए

1. वरिष्ठ नागरिक समयानुसार अपने जीवनशैली में परिवर्तन करके घर में रहते हुए ही पुरातन भारत की वानप्रस्थ आश्रम व्यवस्था का लाभ ले सकते हैं.
2. वे अपने सारे कार्य स्वयं करने की आदत डालें, जहां तक संभव हो पाए, जैसे घर के लिए सब्जियां खरीदना, भोजन पकाना और खिलाना, अपने बैंक के कार्य और पैसे का लेन-देन, अपने स्वास्थ्य की देखभाल, सुनिश्चित दिनचर्या, इत्यादि.
3. घर में परिवारजनों के बीच व्यर्थ हस्तक्षेप से बचें और अपने जीवनशैली से मतलब रखें.
4. अगर वे प्रसन्नता से आपको कुछ बता रहे हैं, तो अवश्य ध्याम से सुनें, पर हमेशा ऐसी आशा न रखें.
5. अपने समय को ऐसे व्यवस्थित कर लें कि आपके पास किसी फालतू बात के लिए कोई समय ही न बचे, जैसे प्रातःकाल भ्रमण पर जाना, अपने अन्य वृद्ध मित्रों से मिलना, अपने घर के सुनिश्चित कार्य करना, कुछ समय सत्संग या संगीत में व्यतीत करना, खुद पढ़ना और समाज के वंचित वर्ग के बच्चों को कुछ पढ़ाना, अपने शरीर को आराम देना, इत्यादि.
6. भले ही आपकी संतानें और परिवारजन अच्छे हों या बुरे, दोनों ही स्तिथियों में हृदय में एक स्वीकार भाव रखें या रखने का प्रयास करें.
7. जीवन में जो भी मिला है उसके लिए शुक्रगुज़ार हों, और जो भी नहीं मिला उसके लिए उपेक्षा का भाव रखें.
8. हमेशा आत्मचिंतन करें, जिसके फलस्वरूप आपका वृद्ध जीवन निश्चित ही अधिक खुशहाल रहेगा.

अपने शारीरिक हाव-भाव को प्रभावशाली बनाएं

1. बातचीत के दौरान सीधे होकर बैठें और सहज महसूस करें.
2. इससे आप बेहतर ढंग से सांस ले पाएंगे और आपका तनाव भी कम हो जाएगा.
3. बातचीत में हमेशा आंखों में आंखें डालकर बात करें जिससे लोग आपसे जुड़े महसूस करें.
4. ऐसा करने से उनके साथ आपके रिश्ते बेहतर होते हैं.
5. बातचीत के दौरान सामने वाले के साथ थोड़ा बहुत मुस्कराना भी अच्छा होता है.
6. इससे उन्हें अच्छा लगता है और वे आगे भी आप से बातें करने के इच्छुक रहते हैं.
7. सटीक शब्दों का इस्तेमाल करें, इससे आपका प्रभाव बढ़ता है.
8. आप जो भी कहें आत्मविश्वास के साथ कहें, इससे लोगों के बीच एक मजबूत छवि बनती है.
9. बातचीत में दूसरे लोगों की बातें बहुत ध्यान से सुनें, और उनके समर्थन में आप सिर भी हिला सकते हैं, या फिर उनको समर्थित करते हुए कोई बात भी कह सकते हैं.
10. बातचीत में रुचि बढ़ाने के लिए आप कोई दिलचस्प सवाल भी कर सकते हैं, या कोई अहम जानकारी दे सकते हैं, जिससे की लोग आपके साथ बातचीत में दिलचस्पी लेंगे.
11. अगर आपसे कोई मुश्किल सवाल पूछ लिया जाता है, तो सहज रहें और जवाब देने के लिए थोड़ा समय मांगे, या उसे उस समय टाल भी सकते हैं.
12. अगर कोई बहुत आक्रामक होकर आपसे बात करता है, तो अपनी ओर से संयम बनाये रखें और बातचीत में नकारात्मकता न आने दें, क्योंकि आपके बोले हुए शब्द बहुत मायने रखते हैं.
13. आप अगर खुद पर विश्वास करते हैं, और अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित रखते हैं, तो आप किसी भी समस्या पर काबू पा सकते हैं.
14. अगर आप अपनी बात सही तरीके से रख पाते हैं, तो लंबे दौर में आप बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब होंगे.

रिश्ते निभाने के नुस्ख़े

1. हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए की आपको भले ही कितना भी गुस्सा आये, आप दूसरों से गलत बात नहीं कह सकते, गलत व्यवहार नहीं कर सकते, और हाथ नहीं उठा सकते.
2. रिश्तों में मर्यादा इसलिए भंग होती है क्योंकि हर किसी के लिए इसके मायने अलग होते हैं, पर जो हमारे लिए सही है, जरूरी नहीं कि वो दूसरों को भी सही लगे.
3. इसके फलस्वरूप एक-दूसरे को नियंत्रण करने की भावना बहुत प्रबल हो जाती है, और रिश्तों में दरार पड़ जाती है.
4. रिश्तों का मतलब एक दूसरे को नियंत्रित करना नहीं, बल्कि आज़ादी देना होता है.
5. इसके लिए सभी के विचार, अभिव्यक्ति और आत्मसम्मान की स्वतंत्रता का आदर करना बेहद ज़रूरी है.

एक मिनट में अपनी सेहत का हाल जानिए

1. मात्र एक मिनट में सिर्फ एक चम्मच की मदद से आप अपने आंतरिक अंगों की सेहत का हाल पता लगा सकते हैं.
2. इसके लिए आपको एक चम्मच, एक प्लास्टिक बैग और तेज रोशनी चाहिए.
3. चम्मच को मुंह में डालकर, जीभ में एकदम पीछे की ओर, यानी गले के पास रगडें, ताकि उसमें ठीक-ठाक लार एकत्रित हो जाए.
4. फिर इस चम्मच को एक प्लास्टिक बैग में डालकर एक मिनट के लिए टेबल लैंप या बल्ब के नीचे रख दें.
5. रोशनी जितनी तेज़ होगी, परिणाम उतने अच्छे मिलेंगें.
6. फिर चम्मच को प्लास्टिक बैग से निकालकर उसे सूंघें.
7. यदि चम्मच साफ है और सिर्फ लार की महक आ रही है, तो आपकी सेहत ठीक है.
8. यदि महक बहुत तेज़ है, तो आपको फेफड़े या पेट संबंधी समस्या हो सकती है.
9. यदि महक मीठी है, तो उच्च रक्तशर्करा या मधुमेह की समस्या हो सकती है.
10. यदि अमोनिया जैसी गंध है, तो इसे गुर्दे संबंधी समस्या का संकेत समझिये.
11. यदि चम्मच पर गाढ़ी परत के साथ सफेद दाग है, तो आपको सांस संबंधी समस्या हो सकती है.
12. यदि यह दाग पीली है, तो आपको गलग्रंथि की समस्या हो सकती है.
13. यदि यह दाग बैंगनी है, तो आपको दमा, उच्च रक्तवसा, व खराब रक्त प्रसार की समस्या हो सकती है.
14. यदि यह दाग नारंगी है, तो आपको गुर्दे की समस्या हो सकती है.
15. उपरोक्त विधि सिर्फ आपकी जानकारी के लिए है, और यदि आपको थोड़ा भी संदेह हो तो समस्या की पुष्टि के लिए तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क कीजिये.

हिचकी से तुरंत आराम पाएं

1. शरीर में छाती के पास डायाफ्राम नामक मांसपेशी को नियंत्रित करने वाली नाड़ियों में जब उत्तेजना होती है, तब डायाफ्राम बार-बार सिकुड़ता है, जिसकी वजह से फेफड़े तेजी से हवा अंदर खींचते हैं, जिससे हिचकी आती है.
2. वास्तव में नाड़ियों में उत्तेजना का कारण फंसी हवा होती है, जो आमतौर पर डकार से निकल जाती है, पर कभी-कभी हिचकी इस फंसी हुई हवा को बाहर निकालने का उपाय है.
3. ऐसा जल्दी-जल्दी खाना खाने, जोर-जोर से हंसने, तेज मसाले वाला खाना खाने, या फिर पेट फूलने से होता है.
4. लंबी हिचकी के अनेक कारण होते हैं, जैसे जठरांत्र परिस्थितियां, चयापचयी विकार, तंत्रिका तंत्र के विकार, किसी नस का छतिग्रस्त होना, या किसी दवा का दुष्प्रभाव.
5. थोड़ी देर के लिए सांसे रोक कर रखें, इससे हिचकी तुरंत बंद हो जाती है.
6. जीभ को बाहर निकाल कर रखें, इससे भी फ़ौरन राहत मिलती है.
7. जैसे ही हिचकी आये, तुरंत एक चम्मच फांक कर पानी पी लें, या एक गिलास ठंडा पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पी लें.
8. एक पेपर बैग में मुंह डालकर सांस लें, इससे कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है और हिचकी रुक जाती है.
9. आधा चम्मच नींबू का रस पीने से हिचकी से तुरंत राहत मिलती है.
10. ध्यान भटकाने के लिए गाना गायें, किताब पढ़ें या बातें करें.