होमियोपैथी दवा कैसे लें और रखें?

1. होमियोपैथी दवा कभी भी हाथों में न लें, बल्कि उसे सीधे मुंह में ही लें.
2. होमियोपैथी गोलियों को जीभ के नीचे रखें या चूसें, और कभी भी न निगलें.
3. जब भी होमियोपैथी दवा लें, तो उससे आधा घंटा पहले तक या बाद में कुछ भी खाने-पीने या टूथब्रश करने से बचें.
4. कॉफ़ी को तो होमियोपैथी दवा लेने के कम से कम 45 मिनट पहले तक न पीएं.
5. कभी भी भोजन के साथ होमियोपैथी दवा न खाएं.
6. होमियोपैथी दवाइयों को कभी भी उस जगह पर न रखें जहां सूरज की रोशनी आती हो.
7. उनको ऐसी जगह पर भी रखने से बचें जहां पर तेज़ गंध जैसे इत्र आदि का इस्तेमाल किया जाता हो.
8. इनको फ्रिज या फ्रीजर में भी रखने की ज़रूरत नहीं होती है.
9. होमियोपैथी दवा को माइक्रोवेव ओवन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और कंप्यूटर से भी दूर रखें.
10. होमियोपैथी दवा की बोतल को कभी खुला न छोड़ें.

कम समय में ज्यादा पढ़ें

1. अगर आप एक बच्चे की तरह एक-एक अक्षर जोड़ कर किसी शब्द को पढ़ेंगे, तो आपकी पढ़ने की गति 130 शब्द प्रति मिनट से अधिक नहीं हो पाएगी, जिसके फलस्वरूप चन्द पुस्तकें पढ़ते ही आपके हाथ से समय निकल जाएगा.
2. यदि आप एक-एक शब्द को भी न पढ़ें, तो भी आपका ज्यादा नुकसान नहीं होगा.
3. इसलिए, एक-एक शब्द पढ़ने के बदले एक नज़र में कुछ शब्दों के एक समूह को पढ़ने का अभ्यास करें.
4. इसमे थोड़ा समय लगेगा लेकिन ऐसा हो कर रहेगा जब आप एक-एक शब्द को पढ़ कर समझने की जगह एक ही नज़र में कई शब्दों के समूह को पढ़ने व समझने लगेंगे.
5. इसको परखने के लिए एक ही लेख को पहले एक-एक अक्षर, फिर एक-एक शब्द और बाद में कुछ शब्दों के एक-एक समूह को पढ़ कर तय करें कि कितने समय की बचत होती है.

मोमबत्ती की रोशनी में रात्रि का भोजन न करें

1. मोमबत्ती की रोशनी में रात्रि का भोजन करना सेहत के लिए खतरनाक है, विशेष करके एक बंद कमरे में.
2. मोमबत्तियां बनाने के लिए मृद्धसा का मोम इस्तेमाल होता है जो की जलने पर वातावरण को प्रदूषित करता है.
3. इसमें कम से कम 20 जहरीले तत्व होते हैं, जिसमे खास हैं ट्राईक्लोरोइथीलीन, ट्राईक्लोरोइथीलीन, 

सफलता के लिए अपने संचार कौशल को प्रभावी बनाएं

1. किसी व्यक्ति की पहली परख उसकी बातचीत से ही हो जाती है.
2. अपनी भावनाओं और आंसुओं पर नियंत्रण रखें जिससे कि आप मज़ाक का पात्र न बनें.
3. बिना सोचे-समझे एक दूसरे की जाति, धर्म, राजनैतिक दृष्टिकोण और व्यक्तिगत पसंद पर अपनी टिप्पणी न करें.
4. हर समय मज़ाक की मनोदशा में बात करने कि कोशिश न करें.
5. किससे किस तरह की बात करनी चाहिए, कब क्या कहना चाहिए आदि का ध्यान हमेशा रखें.
6. दूसरों की मनोदशा को पहले ही भांप लें ताकि आपको उनके गुस्से का शिकार न होना पड़े.
7. अपनी भाषा को वातावरण के अनुरूप ढालें.
8. यह जरूरी नहीं की बिना बात के भी आप बीच-बीच में अपनी बातों से लोगों को परेशान करें या उनकी एकाग्रता भंग करें.
9. हमेशा नज़रें उठा कर बातें करें, क्योंकि इससे आत्मविश्वास झलकता है.
10. तेज आवाज में, या बेवजह हंस कर, प्रतिक्रिया देना आपके व्यक्तित्व पर सवाल उठा सकता है.

होशियार और प्रगतिशील महिला बनने के कुछ नुस्खे

1. आपकी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में चाहे कैसी भी मुश्किल क्यों न आये, खुद से नाराज़ न हों और परेशान न हों, बल्कि उनका श्रेष्ठ संभव समाधान क्या हो सकता है, इस बारे में सोचें.
2. अपनी दिनचर्या में विश्राम करने के लिए थोड़ा से वक़्त ज़रूर निकालें, क्योंकि खुद में नई ऊर्जा भरने और आगे के कामों को बेहतर तरीके से अंजाम देने के लिए योजनाएं बनाने में इस समय की बहुत अहमियत होती है.
3. अपने कार्य और सामाजिक रिश्तों को निभाते हुए भी अपने आप को सबसे ज्यादा वरीयता दें, क्योंकि जब आप खुश रहेंगीं तभी आप बेहतर कार्य करेंगी और अपने रिश्तों को और निखार पाएंगीं.
4. अपनी अंतरात्मा की आवाज़ को हमेशा ध्यान से सुनें, क्योंकि यह सिर्फ आपको सुनाई देगी और जिसके सहारे आप उस रास्ते पर जाने के लिए प्रेरित होंगीं जहां आपको अपनी ज़िन्दगी का असली मक़सद मिल सकता है.
5. अपने परिवार और करीबी मित्रों से आपको हर हाल में मधुर संबंध बनाये रखना चाहिए, क्योंकि ये ही आपकी असली ताकत हैं.
6. काम करते हुए अपने स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखें, क्योंकि जान है तो जहां है.
7. आपकी ईमानदारी आपकी सबसे बड़ी ताक़त होनी चाहिए, क्योंकि इसके बल पर आप बड़ी से बड़ी लड़ाई भी जीत सकती हैं.
8. अपनी ज़िन्दगी में प्राथमिकता तय करना सीखें, क्योंकि यह सबसे बड़ा सच है कि आप ज़िन्दगी में सब कुछ एक साथ हासिल नहीं कर सकतीं.
9. उन चीजों के लिए वक़्त निकालिए जो आपकी ज़िन्दगी में अहमियत रखती हैं, क्योंकि उन्हें हर हाल में हासिल कर के ही दम लीजिये.

बच्चों की भावनाओं का सम्मान करें

1. बच्चे के नाम को बिगाड़ कर पुकारना अनुचित है और इसे बढ़ावा न दें, क्योंकि बिगड़े नाम के साथ उसका व्यक्तित्व भी बिगड़ सकता है.
2. अच्छे अर्थ वाले सही नाम बच्चे के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं.
3. किसी भी कारणवश दूसरों के आगे अपने बच्चे पर आपा न खोएं, और न ही अपमानित करें, क्योंकि वह  विद्रोही बन सकता है या अवसाद में भी जा सकता है.
4. इसकी बजाय अकेले में उससे बात करें, उसे अपने बचाव का मौका दें, और उसके बाद ही अपना फैसला ले कर तार्किक तरीके से समझाएं, क्योंकि इस तरह से समझाई गई बात का गहरा अच्छा असर पड़ता है.
5. हर बच्चा दूसरे से अलग होता है, खूबियों में भी और हुनर में भी, इसलिए उसकी इच्छा दबाये बगैर उसे वही बनने में अपनी मदद दें जो वह बनना चाहता है.
6. बच्चे की ज़िन्दगी पर अपना अधिकार न जमाएं, और उसे पूरे सम्मान के साथ अपनी ज़िन्दगी और ज़िन्दगी से जुड़े फैसले लेने दें, ताकि उम्र बढ़ने के बाद उसके अंदर घुटन, छटपटाहट, निराश और गुस्सा नहीं, बल्कि संतुष्टि, खुशी, अपनत्व और प्रेम बढ़ेगा.
7. बच्चे से तू-तड़ाक कह कर अशिष्ट और असभ्य तरीके से बातें न करें, क्योंकि हो सकता है की कल वह भी दूसरों से और आप से भी इसी लहजे में बात करने लगे, और खुद आपको ही दूसरों के आगे लज्जित होना पैड सकता है.
8. बच्चे को नाकारा, आलसी, बेवकूफ, जाहिल, नालायक जैसे शब्दों से न नवाज़ें, क्योंकि आप उसे जितना ज्यादा झिड़केंगे या उसकी कमियां गिनाएंगे, उसके उतना ही ज्यादा गलत रास्ते पर जाने की संभावना बढ़ती जाएगी.
9. आपकी देखादेखी पड़ोसी और रिश्तेदार भी उसकी कमियां गिनाने लग जाएंगे, जिससे बच्चे के अंदर नकारात्मक सोच विकसित होगी, इसलिए इसके विपरीत उसकी छोटी-बड़ी उपलब्धियों की तारीफ करें ताकि बच्चे के अंदर सकारात्मकता बढ़े.
10. किसी भी कारणवश, बच्चे को कभी भी उसके छोटे भाई-बहनों के सामने न डांटे या अपमानित करें, क्योंकि वे भी उसका मजाक बनाएंगे और कद्र करना छोड़ देंगे, जिससे बड़े बच्चे के मन में कुंठा बैठेगी, इसलिए अकेले में ही उसे कहें.

कॉफ़ी पीने का सही समय

1. कॉफ़ी अगर सही समय पर ही पी जाए तो यह सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाती, क्योंकि कैफीन ऊर्जा बढ़ाने का कारक होती है.
2. सुबह नाश्ते के बाद और दोपहर के भोजन के पहले का जो समय होता है, उसके दौरान आप कॉफ़ी पी सकते हैं, क्योंकि उस समय थड़ी थोड़ी भूख लग रही होती है और शरीर को ऊर्जा की ज़रूरत होती है.
3. व्यायाम से आधा घंटा पहले कॉफ़ी पीने से आपका उपापचय बढ़ता है और इसमे मौजूद कैफीन के कारण शरीर की ऊर्जा भी बढ़ती है.
4. लेकिन एक कप से ज़्यादा कॉफ़ी न पीएं, क्योंकि इससे शरीर में मौजूद कॉर्टिसोल हॉर्मोन की मात्रा बढ़ जाती है, जो शरीर की प्रातिरोधक छमता, उपापचय, और तनाव प्रतिक्रिया को प्रभावित करती है.
5. इसलिए, अगर आपको सुबह उठते ही कॉफ़ी पीने की आदत है तो छोड़ दीजिये, क्योंकि इससे शरीर में तनाव स्तर बढ़ने के साथ ही मनोदशा में उतार-चढ़ाव की भी शिकायत होगी.

नई नौकरी पाने के लिए कुछ नुस्ख़े

1. किसी भी कारण से नौकरी चली जाए तो परेशान होना लाजमी है क्योंकि इससे प्रभावित व्यक्ति की आर्थिक स्तिथि कमजोर हो जाती है, जिससे उनकी दिनचर्या बिगड़ जाती है और वे तनाव में आ जाते हैं.
2. इससे पार पाने के लिए खुद पर भरोसा बनाये रखने के साथ ही अपने आत्मविश्वास को भी डिगने नहीं देना चाहिए, और चीजों को सकारात्मकता से देखना चाहिए.
3. यह सोचें कि ये नौकरी आपकी आखिरी मंज़िल नहीं थी, और न ही उसके चले जाने से ज़िन्दगी खत्म हो जाती है.
4. अब यह सोचें कि आप कौन सा काम बेहतर तरह से कर सकते हैं और उस काम को करें, भले ही वो एक नई नौकरी हो या कोई व्यवसाय हो या कोई अपनी पसंद का नया काम हो.
5. अपना आत्मनिरीक्षण ज़रूर करें और पता लगाएं कि आपके अंदर कौन सी कमियां थीं, या ऐसी क्या वजह रही, जिसके कारण आपकी नौकरी छूट गई या छोड़नी पड़ी.
6. अपनी उन कमियों को दूर करें, और अगर ज़रूरी है तो नए कौशल सीखें और अपनी प्रतिभा को निखारें.
7. इसके लिए नौकरी जाने पर भी नई नई चीजें सीखते रहें, और अपने आप को समय के हिसाब से सामयिक बनाते रहें, चाहे वह अपने ही कार्यछेत्र से संबंधित नए साधन और तकनीक हों, या नई शुरुआत करने से संबंधित गुण हों.
8. कभी कभी साथ में काम करने वाले लोग ही नौकरी से निकाले जाने का कारण बन जाते हैं, जिसकी वजह से उन पर गुस्सा बहुत आता है, लेकिन अपने गुस्से को नियंत्रित रखें, और कोई ऐसा कार्य न करें जिससे आगे की तरक्की-यात्रा प्रभावित हो.
9. गुस्से में की गयी गलतियां से आपकी एक नकारात्मक छवि बनेगी, जो नई नौकरी या व्यवसाय के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं.
10. नौकरी जाने पर आर्थिक स्थिति डगमगा जाती है, इसलिए फ़िज़ूलख़र्ची बिल्कुल न करें और अपने खर्च का एक नया निर्धारित लक्ष्य बनाएं, भले ही थोड़ी परेशानी हो.

बच्चों को जबरन खाना नहीं खिलाएं

1. अक्सर माता-पिता यह सोच कर बच्चों को जबरदस्ती खाना खिलाते हैं की बच्चा जितना ज्यादा खायेगा, उतना ही स्वस्थ रहेगा.
2. लेकिन ऐसा करना बच्चे की सेहत के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है, और वे मोटापे का शिकार भी बन सकते हैं.
3. खाने को अच्छी तरह पचने के लिए और उससे ज्यादा से ज्यादा पोषण पाने के लिए जरूरी है कि खाया गया खाना पूरी इच्छा और खुशी से खाया गया हो, जो कि जबरदस्ती खाना खिलाने से नही होता है.
4. जरूरत से ज्यादा खाना खिलाने से बच्चे के शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी बढ़ सकती है, जिससे दिल और दिमाग दोनों प्रभावित होते हैं और गंभीर बीमारियां भी उत्पन्न हो सकती हैं.
5. अगर बच्चा नही खाना चाहता है तो उसे कुछ ऐसे आहार खिलाएं जिससे उसके शरीर को पोषण भी मील और वो उसे आसानी से कहा भी ले, जैसे काजू, बादाम, किशमिश, अखरोट, दूध, सूप, दलिया, अंडा इत्यादि.
6. इन सभी में फाइबर की मात्रा भी ज्यादा होती है, जिससे उसका पेट भी देर तक भर रहता है और शरीर के लिए जरूरी सभी पोषक तत्व भी मिल जाते हैं. 

अपने हर दिन को उत्पादक बनाएं

1. कई लोग हैं जो कहते हैं कि वे पूरे दिन काम करते हैं लेकिन किसी भी काम को सही तरीके से नहीं कर पाते, और दिन खत्म होने के बाद उन्हें पता चलता है कि कोई भी काम पूरा नहीं हो सका, यानी कि वह दिन उत्पादक नहीं रहा.
2. सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि जो भी काम आप करना चाहते हैं, उसे आप अकेले कर पाएंगे या फिर आपको एक टीम की ज़रूरत होगी.
3. जिस काम को आप कर रहे हैं, उस काम पर आप अपना 100 प्रतिशत ध्यान केंद्रित करें, और अगले पीछे कार्यों के बारे में बिल्कुल भी न सोचें.
4. अगर आप किसी दिन थोड़े बहुत बीमार हैं, तो उस दिन काम पर ज्यादा ध्यान न दें, क्योंकि न तो आपका काम ही ठीक तरह से हो पायेगा और न ही आप स्वस्थ हो पाएंगे.
5. इसलिये पहले आप आराम करें, और जब बिल्कुल ठीक हो जाएं तभी उस काम को करना शुरू करें.
6. जब भी आप काम करें, उसके बारे में बैठ कर विश्लेषण कीजिये, और यह पता कीजिये कि कहां आपसे कोई गलती हो रही है, और कहां आपको सुधार करने की ज़रूरत है.
7. अगर आप उपरोक्त तरीके से काम करते हैं, तो आपका हर दिन उत्पादक हो जाएगा, आपके काम में गुणवत्ता आएगी, और उसके परिणाम भी बहुत अच्छे होंगे.

वरिष्ठ नागरिकों का देखभाल करनेवाला कैसा चुनें?

1. बहुत लोग अपने बूढ़े माता-पिता या रिश्तेदार के लिए जब देखभाल करने वाला रखते हैं, तो उसे बिना किसी पूछताछ के ही नियुक्त कर लेते हैं जो अनुचित है.
2. सबसे पहले उसके चिकित्सा का इतिहास जानें, क्योंकि अगर वह खुद ही किसी बीमारी या किसी चीज़ से पीड़ित हो तो आपके बुज़ुर्ग प्रियजनों को भी उनका संक्रमण हो सकता है.
3. इसलिए अगर आप इस बारे में आशंकित हैं, तो आप उसको नियुक्त करने से पहले उसकी पूरी चिकित्सा जांच जरूर करवाएं, क्योंकि ऐसा करने से आपके प्रियजनों के स्वास्थ्य पर किसी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
4. आप देखभाल करने वाले से जुड़े सभी चीजें जानने के हक़दार हैं, इसलिए उसकी सिगरेट, शराब या अन्य सेवन की आदतों के बारें में पूरी जानकारी हासिल करें.
5. आप इस बात का भी जरूर ध्यान रखें और पता कर लें की देखभाल करने वाले का कोई पिछला अपराधिक अभिलेख तो नहीं है, क्योंकि वह आपके घर में रहकर आपके प्रियजनों की देखभाल करेगा.
6. इसके लिए आप उसका पुलिस सत्यापन भी करवा सकते हैं, क्योंकि वह आपके व आपके प्रियजनों के लिए खतरा भी बन सकता है.
7. देखभाल करने वाले को प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी भी होनी चाहिए, क्योंकि अगर आपके वरिष्ठ प्रियजनों को कभी इसकी जरूरत पड़े तो वह उन्हें संभालने से पीछे न हटे.
8. उसे इस बात का भी अनुभव होना चाहिए कि उस समय क्या करें जब आप के प्रियजनों की हालात उसके बस के बाहर हो रही हो.

कुर्सी-व्यायाम से रहें तंदरुस्त

व्यायाम - 1
- कुर्सी पर बैठ कर अपनी पीठ को सीधा करें.
- फिर अपने हाथों को टेबल पर रखें.
- अपने शरीर और टेबल के बीच में एक बाँह की दूरी रखें.
- अब अपने शरीर को बाएं से दाएं और दाएं से बाएं की तरफ मोड़ें.
व्यायाम - 2
- कुर्सी के किनारे पर सीधा बैठें और हाथों को पैरों पर रखें.
- ऊपर देखते हुए कंधों को पीछे ले जाएं.
- फिर नीचे देखते हुए पीठ और पेट को अंदर-बाहर करें.
- बाहर की तरफ जाते हुए गहरी सांस लें और अंदर की तरफ जाते हुए छोड़ें.
व्यायाम - 3
- कुर्सी पर बैठ कर हाथों को कुर्सी की बाजुओं पर टिक लें.
- फिर बाजुओं के बल पर शरीर को ऊपर उठाएं.
- इसी अवस्था में पैरों को बार-बार सीधा करें और अंदर की तरफ मोडें.
- लंबी और गहरी सांस लें और छोड़ें.
व्यायाम - 4
- कुर्सी पर सीधा बैठें और घुटनों के बीच दूरी बनाएं.
- हाथों को आलिंगन की मुद्रा में फैलाएं और ऊपर उठाएं.
- फिर हाथों को दोबारा नीचे करें.
- हाथ हमेशा सीधे और समानांतर हों.
- इस व्यायाम को 15 बार करें.
व्यायाम - 5
- कुर्सी पर बैठे-बैठे पैरों को सामने फैलाएं.
- फिर झुक कर हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं या कोशिश करें.
- फिर वापस पहले की अवस्था में आ जाएं.
- इस व्यायाम को 10 बार करें.

एक लंबे जीवन के लिए शीर्ष 20 नुस्ख़े (4/4)

16. खूब सारे फल और सब्जियां खाएं
· यह हृदय रोग और स्ट्रोक को दूर करने, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और कुछ प्रकार के कैंसर को रोकने में मदद कर सकता है।
· एक दिन में कम से कम पांच सर्विंग्स फलों और सब्जियों को खाने की सलाह दी जाती है।

17. नौकरी की प्रकृति मायने रखती है
· अनुसंधान इसमे एक मजबूत संबंध बताता है कि लोग कितने समय तक जीवित रहते हैं और उनकी नौकरियों की प्रकृति क्या है।
· पेशेवर समूहों में जीवन प्रत्याशा अकुशल समूहों की तुलना में अधिक होती है।
· सामाजिक वर्गों के बीच की खाई पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कम होती है।

18. सुखी वैवाहिक जीवन रखें
· अविवाहित लोगों की तुलना में विवाहित लोगों का स्वास्थ्य आमतौर पर बेहतर रहता है।
· एक खुशहाल शादी दैनिक समस्याओं से प्रोत्साहन, समर्थन और सुरक्षा प्रदान करती है।
· वे परिणामस्वरूप तनाव को बेहतर ढंग से संभालने में अधिक सक्षम होते हैं।

19. आशावादी बनें
· जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण वाले लोग वास्तव में लंबे समय तक रह सकते हैं।
· शोधकर्ताओं ने पाया है कि आशावादी लोगों ने निराशावाद की ओर अधिक झुकाव रखने वाले लोगों की तुलना में जल्दी मृत्यु के जोखिम को 50 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं।

20. गाढ़े चॉकलेट खाएं
· गाढ़े चॉकलेट में फ्लेवेनॉइड्स और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जिनसे सकारात्मक स्वास्थ्य लाभ होते हैं।
· फ्लेवेनॉइड्स हृदय स्वास्थ्य की सहायता करते हैं, जबकि एंटीऑक्सिडेंट शरीर की कोशिकाओं और ऊतकों को कुछ नुकसान को रोकने या देरी करने के लिए माना जाता है।
· गाढ़े चॉकलेट को सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इसमें दुग्ध चॉकलेट के मुकाबले दुगुनी अधिक एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, और इसमें कम कैलोरी भी होती है।

एक लंबे जीवन के लिए शीर्ष 20 नुस्ख़े (3/4)

11. अधिक दोस्त बनाएं
· शोध बताते हैं कि दोस्त लंबे समय तक जीने में मदद करते हैं, और दोस्तों के साथ मेलजोल करना फायदेमंद होता है।
· आपकी उम्र बढ़ाने में परिवार के सदस्यों की तुलना में दोस्त अधिक मदद कर सकते हैं।
· वे आपको अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं, और कठिन समय पर अवसाद और चिंता की भावनाओं को कम करने में मदद कर सकते हैं।

12. धूम्रपान नहीं करें
· बेहतर तो यह है कि इसकी शुरुआत बिल्कुल न करें, या जितनी जल्दी धूम्रपान छोड़ सकें, उतना ही अच्छा।
· एक व्यक्ति जितना अधिक देर तक धूम्रपान करता है, उतना ही वह फेफड़े के कैंसर या हृदय रोग के जोखिम को अधिक बढ़ाता है।
· छोड़ने के बाद एक साल के भीतर, दिल का दौरा पड़ने का खतरा धूम्रपान करने वालों से लगभग आधे तक हो जाता है, और 10 साल के भीतर फेफड़ों के कैंसर का खतरा लगभग आधा हो जाता है।

13. आराम करें
· विश्राम रक्तचाप को कम करता है और अवसाद जैसी स्थितियों को कम करने में मदद करता है।
· योग या ध्यान जैसी एक विश्राम तकनीक तनाव के स्तर को कम करने में मदद कर सकती है।

14. एक पालतू जानवर रखें
· पालतू जानवर, विशेष रूप से एक कुत्ते का स्वामित्व, आपको अधिक सक्रिय रखता है।
· जानवरों का साथ चिंता और व्याकुलता कम करने के लिए जाना जाता है।
· वे अच्छे दोस्त भी होते हैं और मनोरंजन का एक स्रोत भी प्रदान करते हैं, जिससे हमें हंसी आती है।

15. अधिक व्यायाम करें
· व्यायाम हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, ऑस्टियोपोरोसिस, मधुमेह और मोटापे को कम करता है।
· यह जोड़ों और स्नायुबंधन को लचीला रखता है, इसके अलावा अवसाद, तनाव और चिंता का इलाज करने में मदद करता है, और यह बेहतर नींद भी देता है।
· यदि आपके पास कम समय है, तो भी आप लिफ्ट लेने के बजाय सीढ़ियों से चलकर, या कार लेने के बजाय छोटी यात्रा पर पैदल या साइकिल चलाकर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

एक लंबे जीवन के लिए शीर्ष 20 नुस्ख़े (2/4)

6. रेड वाइन पिएं
· अध्ययन से पता चलता है कि दिन में एक गिलास रेड वाइन पीने से कुछ कैंसर और हृदय रोग से बचने में मदद मिल सकती है, और कोलेस्ट्रॉल के स्तर और रक्तचाप पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
· हालांकि, इसके अत्यधिक सेवन से कोई ज़्यादा लाभ नहीं होता है

7. नियमित आत्म-परीक्षा
· यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपके शरीर के अंग सामान्य रूप से कैसा महसूस करते हैं और दिखते हैं, और आपको डॉक्टर को कोई गांठ जैसे किसी भी परिवर्तन की रिपोर्ट करनी चाहिए।
· ज्यादातर गांठ सौम्य साबित होती है, और इस प्रकार के कैंसर आमतौर पर ठीक होते हैं यदि वे पर्याप्त जल्दी पकड़े जाते हैं।
· महिलाओं के लिए, इसका मतलब है कि नियमित रूप से उनके स्तनों की जांच करना, और जबकि स्तन कैंसर पुरुषों के बीच अज्ञात नहीं है, पुरुषों को गांठ के लिए नियमित रूप से अपने अंडकोष की जांच करनी चाहिए।

8. नियमित स्मीयर / प्रोस्टेट परीक्षण कराएं
· महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए हर तीन साल में कम से कम एक बार स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए।
· प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में कैंसर के सबसे आम रूपों में से एक है और सबसे बड़े कैंसर हत्यारे के रूप में फेफड़ों के कैंसर के बाद दूसरे स्थान पर है।
· परीक्षण 50 साल की उम्र में, या 40 साल की उम्र में शुरू होना चाहिए अगर वे उच्च जोखिम वाले समूहों में हैं जैसे कि काले पुरुष, या उन लोगों में, जिनके पिता, भाई या बेटे इस बीमारी के साथ हैं।

9. अपने आंत्र व्यवहार की निगरानी करें
· आंत्र की आदतों में कोई नाटकीय परिवर्तन जैसे कि कब्ज में वृद्धि, या पासिंग रक्त को तुरंत एक डॉक्टर को बताना चाहिए।
· यह बवासीर (रक्तस्रावी) के रूप में कुछ सरल साबित हो सकता है, या इससे भी बदतर स्थिति में आंत्र कैंसर हो सकता है, जिसे जल्द से जल्द खोजना महत्वपूर्ण है।

10. पानी अधिक पिएं
· एक औसत व्यक्ति को एक दिन में लगभग आठ गिलास पानी पीना चाहिए।
· मानव शरीर 55 और 75 प्रतिशत पानी से बना है, और निरंतर पानी की आपूर्ति की आवश्यकता है।
· पानी का सही सेवन पाचन, पोषक तत्व अवशोषण‚ त्वचा जलयोजन, विषहरण और वस्तुतः बेहतर स्वास्थ्य के हर पहलू को बढ़ाता है।