1. दंड एक उपचारात्मक तरीका है जिससे बच्चों को भविष्य में अपने कार्य के प्रति अधिक सावधान बनाता है.
2. पुरस्कार एक प्रेरक है जो बच्चों का मनोबल बढ़ाता है, आत्मविश्वास जगाता है और पहचान बनाता है.
3. चूंकि बाल मन कोमल होता है और बाल बुद्धि कच्ची होती है, इसलिए उचित सोच-विचार करने के बाद ही दंड देना चाहिए.
4. बच्चों को इसके द्वारा यह अहसास करवाया जाना चाहिए कि उनकी करनी से किसी को कितनी हानि-पेरशानी हुई है.
5. मीठी मुस्कान के साथ बोले गए शाबाश, बढ़िया, बहुत खूब जैसे शब्द भी बच्चों में चमत्कार उत्पन्न कर सकते हैं.