1. ज्यादातर लोग अपने प्रतिभा को जानने की प्रक्रिया ही नहीं जानते हैं, जिसके कारण वे उससे अनभिज्ञ रहते हैं, या जो कौशल दूसरों को उनमे दिखता है, वे उसे ही अपनी प्रतिभा समझने की गलती कर बैठते हैं.
2. एक समय ऐसा भी आता है जब आपको अनेक चीज करना पसन्द आता है और इन्हें आप अपनी प्रतिभा समझने लगते हैं, जबकि ये वास्तव में आपके कौशल हैं, प्रतिभा नहीं.
3. प्रतिभा आपके व्यक्तित्व का एक अभिन्न जन्मजात हिस्सा है, और आगे चलकर यह आपकी समग्रता का हिस्सा हो जाता है, हालांकि इसे विकसित होने और तराशे जाने की जरूरत होती है.
4. एक बार जब आप कौशल और प्रतिभा के बीच फर्क को समझ जाएंगे, तो आप अपनी प्रतिभा के विकास के लिए प्रयास कर पाएंगे, और इसे पहचानने के सबसे बढ़िया तरीकों में से एक है दूसरों से मिलने वाली निष्पक्ष प्रतिक्रियाओं व प्रशंसा पर गौर करना.
5. इसके अलावा आप खुद से सही सवाल पूछें कि आपका कौन सा कौशल आपके मन पर ज्यादा असर डालता है, आनंददायक और मजा आता है, और जिसे आप मात्र कोई लक्ष्यप्राप्ति के लिए नहीं करते हैं.
6. यही आपकी सच्ची प्रतिभा है.