1. अक्सर हमारे और हमारे लक्ष्य के बीच हमारा अपना ही नकारात्मक रवैया एक बाधा होता है, इसलिए खुद पर विश्वास रखें कि आप यह कार्य और लक्ष्य पूरा कर सकते हैं.
2. अपने रवैये को बदलने के लिए सबसे पहले ईमानदारी के साथ आत्म-विश्लेषण करें और अपनी कमजोरियों को पहचानें जिससे आपको पता चलेगा कि अपने में क्या बदलाव या सुधार करने हैं.
3. जिंदगी के हर पहलू को देखने का हमारा नजरिया, हमारा व्यवहार, हमारे महसूस करने का तरीका और हमारी समझ ही हमें कार्यस्थल पर दूसरों से अलग पहचान बनाता है और सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाता है.
4. हर कोई चाहता है कि उनके साथ काम करने वाले व्यक्ति का रवैया सही हो, क्योंकि कार्यस्थल पर सफलता के लिए सही रवैये वाले लोग और सही माहौल दोनों मायने रखते हैं.
5. अपने कार्यस्थल पर केवल सही रवैये वाले सहयोगियों से मेलजोल बढ़ाएं, क्योंकि आपकी संगति का आपकी जीविका पर गहरा प्रभाव होता है, इसलिए अगर कोई सहयोगी आपके सुधरने की राह में रोड़ा साबित हो रहे हैं, तो उनसे अपनी दूरी बनाएं.