अहंकार और विनम्रता

1. हमारे मन में कभी भी सच्चाई नहीं आएगी, जब तक अहंकार की धुंधली छाया भी बनी रहती है।

2. सर्वोच्च पद प्राप्त करने के बाद भी हमें अहंकार से दूर रहकर विनम्र रहना चाहिए।

3. हम विनम्रता से सभी का दिल जीत सकते हैं।

4. विनम्रता से हम अपने शत्रुओं को भी अपना बना सकते हैं।

5. इसलिए, इस दुष्ट अहंकार को हमें तिरस्कृत करना ही होगा।