सफलता क्या है?

 1. हर किसी की सफलता की परिभाषा दूसरों से भिन्न है, इसलिए हर किसी की सफलता की व्याख्या भी अलग होती है.

2. कुछ के लिए यह मन की एक अवस्था है, कुछ के लिए भौतिक सुख, तो कुछ के लिए एक निश्चित पद को पाना, और कुछ के लिए समाज में कुछ बड़ा कर नाम और शोहरत पाना.

3. सफलता कभी पूर्ण नहीं होती, बल्कि यह सापेक्ष होती है; यह सिर्फ एक अल्पविराम है, पूर्णविराम नहीं, और यह अंत न होकर जीवन की यात्रा का सिर्फ एक मोड़ है और इससे कभी संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता.

4. असल में सफलता हमेशा बेहतर करने और आगे बढ़ने का संदेश देती है, और जीवन में ऐसा एक भी व्यक्ति नहीं है जो अपनी सफलता से संतुष्ट हो, चाहे वह शीर्ष राजनीतिज्ञ या नामचीन व्यक्ति हो या एक सफल खिलाड़ी हो.

5. सफल होने के लिए व्यक्ति को कई अच्छी चीजों का बलिदान करना पड़ता है और अपने जीवन का उद्देश्य समझना पड़ता है, जिनको पाने के प्रयासों में लग जाना पड़ता है, लेकिन यह सफर इतना आसान नहीं होता.

6. कभी भी दूसरों को देखकर अपने जीवन के बारे में निर्णय न लें, खुद तय करें और अपने प्रति ईमानदार रहते हुए कभी खुद को धोखा देने का प्रयास न करें.

7. योजना के आभाव में कई अच्छी प्रतिभाओं को बीच भंवर में भटकते हुए देखा जाता है क्योंकि वे अपनी प्रतिभा को पहचान नहीं सके और उसके साथ न्याय नहीं कर पाए.

8. इस कारण से वे खुद को भूलकर दूसरों के साथ स्पर्धा में लग गए, जबकि कला की सभी शाखाओं में सफलता बहुत हद तक व्यक्तिगत पहल और सही कोशिश पर निर्भर करती है.