क्या आप सामाजिक माध्यमों (सोशल मीडिया) में व्यस्त हैं?

 1. यदि आप अपनी मानसिक सेहत दुरुस्त रखना चाहते हैं, तो सामाजिक माध्यमों (सोशल मीडिया) पर निश्चित समय से ज्यादा सक्रिय न रहें, और इनमें अधिक से अधिक प्रतिदिन 30 मिनट तक का ही समय गुजारें.

2. ऐसा संयम रखना इसलिए जरूरी है क्योंकि सामाजिक स्थलों (सोशल साइट्स) के बढ़ते जुनून के कारण आप झूठी जिंदगी जीने के प्रति अग्रसर होने लगते हैं और आपकी मानसिक सहनशक्ति घटने लगती है.

3. हकीकत यह है कि लोग अपने दुख, तकलीफ, तनाव या परेशानी भरे लम्हों को न के बराबर साझा करते हैं क्योंकि वे केवल अपनी जिंदगी के बेहतर पहलू को ही बड़े चाव से दिखाना चाहते हैं, जिनको निरंतर देखते हुए अवसाद या हीन भावना के शिकार बनने की शुरुआत होने का खतरा रहता है.

4. न चाहते हुए भी हम सामाजिक माध्यमों पर प्रदर्शित दूसरों की खुशहाल जिंदगी से अपनी जिंदगी की तुलना करने लगते हैं और अंदर ही अंदर तनाव, एकाकीपन और घुटन महसूस करने लगते हैं, लेकिन जब दूसरों के साथ कुछ साझा करने की हो तो खुद भी केवल अपनी जिंदगी के खुशनुमा पल को ही बांटते हैं.

5. यही अंतर्द्वंद कहीं न कहीं हमें मानसिक रूप से कमजोर बनाने लगता है क्योंकि हम भूल जाते हैं कि दुख और परेशानी सबकी जिंदगी में होते हैं.