1. ये लोग पूर्णतावादी होते हैं और चाहते हैं कि हर चीज पर इनका नियंत्रण हो, क्योंकि उनको लगता है कि वह जो करते हैं, वह उन्हीं से शुरू होकर उन्हीं पर खत्म हो जाता है.
2. इसके लिए वे खुद भी दर्द लेते हैं, और हर काम को बेहतर से बेहतर करने के लिए दिन-रात लगे रहते हैं, क्योंकि उनको लगता है कि उनसे बेहतर कोई और नहीं कर सकता.
3. ये लोग बहुत बेचैन, तनावग्रस्त और ज्यादातर समय न खुश रहने वाले होते हैं, और ऐसे लोग दूसरों को परेशान भी बहुत करते हैं, क्योंकि ऐसे लोगों के पैमाने पर कोई खरा नहीं उतर पाता है.
4. ऐसे लोगों को किसी दूसरे का कार्य पसंद ही नहीं आता, और अगर आपने इनके तरीके से काम किया तो आप बहुत अच्छे हैं, वर्ना आप दुनिया के सबसे खराब इंसान हैं.
5. उनमे औरों की हर बात में बाल की खाल निकालने की भी आदत बहुत प्रबल होती है, और वे अपने निष्कर्ष के मुताबिक ही सही या गलत तय करते हैं.
6. अगर आपको अपना व्यवहार कुछ ऐसा ही लगता है, तो आपको इससे बाज आना चाहिए, क्योंकि यह एक मनोरोग है जिसका इलाज आवश्यक है.
7. यदि आप इस आदत को स्वयं न छोड़ पा रहे हों, तो किसी सलाहकार या मनोचिकित्सक की मदद लें, क्योंकि सच तो यही है कि जब एक छोटा बच्चा भी हमेशा किसी के नियंत्रण में नहीं रहना चाहता, तो भला वयस्क लोग क्यों आपके नियंत्रण में रहना चाहेंगे?