और भी बहुत कुछ है 50 के पार

1. जब से बच्चे बड़े हो जाते हैं, तो उनके माता-पिता के पास काफी समय बच जाता है.
2. अब आपके साथ ज़िन्दगी का इतने वर्षों का अनुभव है, तो उसके आधार पर अपने लिए कुछ नया कर जीवन को दोबारा खुशहाल बना सकते हैं.
3. इतना ही नहीं, आप खुद को पहचान कर दुनिया में भी अपनी पहचान बना सकते हैं.
4. इसके लिए आप स्वतंत्र हैं और अपनी दिनचर्या तय कर सकते हैं कि आप अपना समय अपने ढंग से कैसे व्यतीत करना चाहते हैं या चाहती हैं.
5. बस ज़िन्दगी में अपार खुशियां पाने के लिए सकारात्मक सोच और समय प्रबंधन बहुत ज़रूरी है.
6. इसके साथ-साथ सदैव कुछ सीखने की ललक और इंसानी ज़ज़्बा अपने व्यक्तित्व में ढाल लें.
7. अगर आपको संगीत सुनने का शौक है, तो उसके साथ-साथ छोटे-छोटे काम भी निपटाए जा सकते हैं.
8. हां, किताबें पढ़ने, चित्रकला, नृत्य, घूमना या कुछ नया सीखने के लिए आपको अलग से समय निकालना होगा.
9. मनोरंजन और दुनिया से अपने को जुड़े रखने के लिए आधा-पौने घंटे का समय टीवी के लिए भी निकाल सकते हैं.
10. अंतिम प्रमुख कार्य जो खुशियों की चाबी है वह है सामाजिक कार्य, जिसके लिए आप सप्ताह में एक बार अवश्य समाज की भलाई के लिए कुछ समय निकालें.
11. फिर चाहे गरीब, अनाथ बच्चों, बुजुर्गों, बेसहारा औरतों, निरीह पशुओं या किसी की भी भलाई का काम हो, अथवा भृष्टाचार विरोध, नशामुक्ति आदि किसी भी मुद्दे पर कार्य करें.
12. यह कुछ समय का आपका सहयोग समाज को तो लाभान्वित करेगा ही, साथ ही आपको भी अपार खुशियों से भर देगा.
13. इसीलिए, 50 की उम्र के बाद भी आप घबराएं नहीं, धैर्य रखें, पूरी खुशियां मनाएं, नेक कार्यों में बढ़ कर हिस्सा लें, कुछ अच्छा सीखें और सिखाएं.
14. जीवन बिताएं नहीं, बल्कि जीवन जीएं और खुशियां ढूंढ लें.