1. जिन घरों में बच्चे होते हैं, उनका लड़ना-झगड़ना स्वाभाविक है, हालांकि माता-पिता हमेशा चाहते हैं कि वे अच्छे से एक साथ मिलकर रहें.
2. बच्चों के झगड़े और बहस की कोई एक वजह नहीं होती है, इसलिए उन्हें अपने पास बिठाकर बारी-बारी उनको अपना पक्ष रखने को कहें, और उन्हीं से आपस में समस्या का हल अपने सामने ढूंढने के लिए प्रोत्साहित करें.
3. इसके अलावा आप अपने घर में कुछ नियम बनाएं व पालन करवाएं, और जिन कामों को लेकर वे अक्सर झगड़ते हैं उनको आपस में बांट दें, या उनको कहें कि वे बारी-बारी से करें या इस्तेमाल करें.
4. इस बात का भी हमेशा ध्यान रखें कि आप बच्चों की आपस में तुलना कभी न करें, क्योंकि ऐसा करके आप अनजाने में ही उनके बीच कड़वाहट पैदा करते हैं, बल्कि उनके प्रयासों को सामान रूप से सराहें.
5. चूंकि बचपन की कुछ आदतें बच्चों के भविष्य निर्माण में नींव का काम करती हैं, इसलिए उन्हें यह भी सिखाएं कि वे एक दूसरे की ताकत और पूरक हैं, और आपसी मदद से उनके काम के परिणाम भी अच्छे रहेंगे.
6. इसके लिए उन्हें आपसी भावनाओं का आदर करना सिखाएं जिससे वे एक दूसरे की अहमियत महसूस करने लगेंगे और मदद भी करेंगे.