1. बहुकार्यण एक ऐसी चीज़ है जो हमारी दिनचर्या और जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है, क्योंकि हमारे पास समय कम होता है और कार्य ज़्यादा.
2. दुनिया में हर किसी को 24 घंटे ही मिलते हैं, जिसमे अपनी हर आवश्यकता और हर ख्वाहिश को पूरा करना पड़ता है.
3. हालांकि दो अंशकालिक नौकरियां एक साथ करने के लिए समय को व्यवस्थित करना आवश्यक हो जाता है, लेकिन तभी उसमे आनंद आता है.
4. दो अलग-अलग नौकरियां करने का एक फायदा यह भी होता है कि इसमे आप दो तरह के अनुभव हासिल करते हैं, जिससे आत्मज्ञान और आत्मकौशल में निखार आता है.
5. आगे चलकर इन्हीं में से कोई एक आपका पूर्णकालिक व्यवसाय भी बन सकता है.
6. यदि किसी समय यह प्रतीत होने लगे कि फलां काम आपकी इक्षा के अनुरूप नहीं चल रहा है, तो बिना किसी हिचक के आप उसे छोड़ भी सकते हैं.
7. जितने समय तक आप उसे कर रहे हैं, उतने समय तक आपको पारिश्रमिक मिलता रहेगा.
8. मेहनतपसंद लोगों के लिए "दो अंशकालिक नौकरी एक साथ" का सिद्धान्त अधिक फायदा पहुंचा सकता है.
9. पर यह दोहरी जिम्मेदारी है, जिसके लिए खुद को पहले तैयार करने की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह कार्य इतना आसान भी नहीं होता.
10. इस तरह के सिद्धांत में सबसे अहम चीज समय प्रबंधन होती है, क्योंकि आपको तीन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है - दो अंशकालिक नौकरियां और घर-परिवार - तथा उसमें बेहतर तालमेल भी बिठाना पड़ता है.
11. कई बार इसमे पारिवारिक जीवन भी गड़बड़ा जाता है, लेकिन एक बड़ी युवा जनसंख्या इस चुनौतीपूर्ण प्रवृति को अपनाने में अग्रसर है.
12. बहुकार्यण एक प्रायोगिक विधा है, फिर भी इसे असंभव नहीं माना जा सकता, और आने वाले समय में यह एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आएगा, क्योंकि इसने अन्य लोगों के जीवन में भी ऊर्जा भरने का काम किया है.
2. दुनिया में हर किसी को 24 घंटे ही मिलते हैं, जिसमे अपनी हर आवश्यकता और हर ख्वाहिश को पूरा करना पड़ता है.
3. हालांकि दो अंशकालिक नौकरियां एक साथ करने के लिए समय को व्यवस्थित करना आवश्यक हो जाता है, लेकिन तभी उसमे आनंद आता है.
4. दो अलग-अलग नौकरियां करने का एक फायदा यह भी होता है कि इसमे आप दो तरह के अनुभव हासिल करते हैं, जिससे आत्मज्ञान और आत्मकौशल में निखार आता है.
5. आगे चलकर इन्हीं में से कोई एक आपका पूर्णकालिक व्यवसाय भी बन सकता है.
6. यदि किसी समय यह प्रतीत होने लगे कि फलां काम आपकी इक्षा के अनुरूप नहीं चल रहा है, तो बिना किसी हिचक के आप उसे छोड़ भी सकते हैं.
7. जितने समय तक आप उसे कर रहे हैं, उतने समय तक आपको पारिश्रमिक मिलता रहेगा.
8. मेहनतपसंद लोगों के लिए "दो अंशकालिक नौकरी एक साथ" का सिद्धान्त अधिक फायदा पहुंचा सकता है.
9. पर यह दोहरी जिम्मेदारी है, जिसके लिए खुद को पहले तैयार करने की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह कार्य इतना आसान भी नहीं होता.
10. इस तरह के सिद्धांत में सबसे अहम चीज समय प्रबंधन होती है, क्योंकि आपको तीन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है - दो अंशकालिक नौकरियां और घर-परिवार - तथा उसमें बेहतर तालमेल भी बिठाना पड़ता है.
11. कई बार इसमे पारिवारिक जीवन भी गड़बड़ा जाता है, लेकिन एक बड़ी युवा जनसंख्या इस चुनौतीपूर्ण प्रवृति को अपनाने में अग्रसर है.
12. बहुकार्यण एक प्रायोगिक विधा है, फिर भी इसे असंभव नहीं माना जा सकता, और आने वाले समय में यह एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आएगा, क्योंकि इसने अन्य लोगों के जीवन में भी ऊर्जा भरने का काम किया है.