1. अभिभावकों और शिक्षकों से बच्चों में आलस्य की शिकायत अक्सर सुनने को मिलती है.
2. काम के लिए बच्चों का टालमटोल करना भी सामान्य चलन हो गया है, और यह आदत उनके वयस्क होने पर भी बनी रहती है.
3. अक्सर बच्चों में इसकी वजह अभिवावकों, शिक्षकों और दोस्तों की अपेक्षाओं के अनुरूप प्रदर्शन करने की क्षमता का आभाव होता है.
4. उनपर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव बढ़ता रहता है, जबकि बच्चों की मुश्किल को कोई पहचानने की कोशिश नहीं करता, इसलिए ऐसे में जरूरी है की इस ओर जागरूकता बढ़ाएं.
5. बच्चे को छोटे और विशिष्ट लक्ष्य रखने में मदद करें, और अपने निर्देश बिल्कुल स्पष्ट रखें.
6. लक्ष्य निर्धारित करने में बच्चे को शामिल करें, क्योंकि इससे वह लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध होगा.
7. उसके काम को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट दें, जिससे वह उसे आसानी से पूरा कर सके.
8. बच्चे पर ज़्यादा निगरानी और रोकटोक न करें, और उनके साथ बेहतर रिश्ते बनाएं.
9. इससे न सिर्फ आप बच्चों का भरोसा जीतेंगे बल्कि बच्चे के अनुभव को आप बेहतर ढंग से समझ भी सकेंगे.
10. अगर आप खुद को बच्चे की कोशिशों में शामिल करेंगे, तो उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा और आप उनके संघर्ष का हिस्सा भी बन जाएंगे.
2. काम के लिए बच्चों का टालमटोल करना भी सामान्य चलन हो गया है, और यह आदत उनके वयस्क होने पर भी बनी रहती है.
3. अक्सर बच्चों में इसकी वजह अभिवावकों, शिक्षकों और दोस्तों की अपेक्षाओं के अनुरूप प्रदर्शन करने की क्षमता का आभाव होता है.
4. उनपर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव बढ़ता रहता है, जबकि बच्चों की मुश्किल को कोई पहचानने की कोशिश नहीं करता, इसलिए ऐसे में जरूरी है की इस ओर जागरूकता बढ़ाएं.
5. बच्चे को छोटे और विशिष्ट लक्ष्य रखने में मदद करें, और अपने निर्देश बिल्कुल स्पष्ट रखें.
6. लक्ष्य निर्धारित करने में बच्चे को शामिल करें, क्योंकि इससे वह लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध होगा.
7. उसके काम को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट दें, जिससे वह उसे आसानी से पूरा कर सके.
8. बच्चे पर ज़्यादा निगरानी और रोकटोक न करें, और उनके साथ बेहतर रिश्ते बनाएं.
9. इससे न सिर्फ आप बच्चों का भरोसा जीतेंगे बल्कि बच्चे के अनुभव को आप बेहतर ढंग से समझ भी सकेंगे.
10. अगर आप खुद को बच्चे की कोशिशों में शामिल करेंगे, तो उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा और आप उनके संघर्ष का हिस्सा भी बन जाएंगे.