अपने लक्ष्य पर लगाइए समय और ऊर्जा

1. सयंमित जीवनशैली और कुछ निर्धारित पैमानों के आधार पर जीवन जीने की कोशिश करने वाले ही सफल होते हैं.
2. अपने जीवन में घटित होने वाली सभी घटनाओं की जिम्मेदारी खुद लेनी चाहिए, न की माता-पिता, दोस्तों या रिश्तेदारों को जिम्मेदार ठहराना चाहिए.
3. "में कर सकता हूँ" मनोदृष्टि के साथ जीवन में आगे बढ़ने से सफलता ज़रूर मिलेगी.
4. प्रगति करने के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी होता है सही समय और सही निर्णय लेना, जिसके लिए अपने वक़्त और ऊर्जा पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत होती है.
5. इसलिए अपने लक्ष्यों से जुड़े कार्यों में ही अपनी ऊर्जा लगाइये, और जिस काम से कोई लेना देना नहीं है वहां ऊर्जा  बर्बाद कर समय न गवाएं.
6. जीवन में सबकुछ एक साथ नहीं किया जा सकता, इसलिए कभी-कभी न कहना भी सीखें, और इसके लिए अपनी प्राथमिकता तय कीजिये और उस पर अमल कीजिये.
7. अगर आप किसी कार्य की शुरुआत करते हैं, तो हमेशा इस बात का ध्यान रखें की इसका परिणाम क्या होगा, जिससे कि आप उसके मुताबिक कार्य कर सकें और दूसरों को अपने कार्यों से प्रभावित कर सकें.
8. जो समय आपके हाथ से निकल चुका है, उसके विषय में सोचकर समय बर्बाद न करें, बल्कि उससे सबक लें.
9. अतीत में कुछ ऐसे कार्य भी आपने किये होंगे जिनके सुखद परिणाम रहे होंगे, इसलिए उसके अनुरूप कार्य करें, और दुःखद परिणाम वाले कार्यों में दुबारा कार्य न करने की कसम खाएं.
10. यह भी ध्यान रखें की सिर्फ किताबी ज्ञान के आधार पर ही प्रगति में पूर्ण सफलता नहीं मिल सकती, इसलिए ऐसी जीवनशैली अपनाएं जिसमे व्यवहारिकता को तरजीह दी जाती हो, और ऐसी बातों पर भी गौर करें.
11. एक नियमित दिनचर्या के पालन और सही समय प्रबंधन द्वारा किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है.
12. व्यक्तित्व के विकास में साथी मित्रों की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण होती है, इसलिए अपनी प्रकृति से मिलते-जुलते लोगों के साथ ही मित्रता करें, और गौर करें कि आपके साथी मित्र आपकी प्रगति में कितना मददगार साबित हो सकते हैं.
13. सफलता के लिए एक निश्चित उद्देश्य रखें तथा उसी के अनुरूप कार्य करें, और उसे प्राप्त करने की प्रक्रिया को छोटे-छोटे कार्यों में विभाजित कर उसके अनुकूल कार्य करें.
14. अपनी सफलता के लिए सकारात्मक भावनाएं रखने के साथ रचनात्मकता पर भी ध्यान देना ज़रूरी है, क्योंकि इससे सफलता के मार्ग के रोड़े खुद ब खुद समाप्त हो जाएंगे.

सकारात्मक सोच ही सफलता दिलाती है

1. हम जैसा सोचते हैं, वैसा ही प्राप्त करते हैं.
2. अगर हम नकारात्मक सोचते हैं, तो हमारे साथ भी वैसा ही होता है.
3. हमारी सोच का असर हमारे कार्य पर भी पड़ता है, इसलिए हमें अपनी सोच को सकारात्मक और सही दिशा में रखना चाहिए ताकि हम जीवन में सफलता प्राप्त कर सकें.
4. अगर हम सोच लें कि हमें पूरा दिन अच्छा ही सोचना है, तो हमारे दिमाग में कभी गलत खयाल नहीं आयेंगें.
5. इसके लिए आप एक समय निर्धारित कर लें कि पूरे दिन में आठ घंटे तक हमें किसी चीज़ के बारे में गलत नहीं सोचना है, धीरे-धीरे यह आपकी आदत बन जाएगी.
6. समय रहते आप ऐसे लोगों से दूरी बनाएं जो हमेशा अपना दुखड़ा ही रट रहते हैं, वरना आपकी आदत भी रोने वाली ही बन जाएगी.
7. हमेशा अपनी सोच और सपनों का दायरा बड़ा करके रखना चाहिए, तभी एक दिन आप सफलता हासिल कर पाएंगे.
8. सफल लोग अपनी कड़ी मेहनत से खुद को इतना काबिल बनाते हैं की सफलता उनके पीछे भागती है, वो सफलता के पीछे नहीं.
9. संघर्ष के किसी पड़ाव पर अगर उनके प्रतिद्वंदी को तरक्की मिल जाती है, तो ऐसी स्तिथि में वे कतई निराश हो कर यह नहीं कहते कि उनके प्रति नाइंसाफी हुई, बल्कि वे लगातार संघर्ष करते हुए यह साबित करते हैं वे भी उस खिताब के हकदार हैं.
10. आप किसी नए काम को करने से भी न हिचकिचाएं, क्योंकि हर सफल व्यक्ति ने भी मुश्किल हालातों में किसी न किसी काम को पहली बार किया होगा, और इनसे आप तेजी से आगे बढ़ सकते हैं.

घरेलू कार्य में पति का महत्वपूर्ण योगदान

1. बदलते परिवेश में जब पत्नी कामकाजी बनकर पति को आर्थिक सहयोग दे सकती है, तो पति से घरेलू कार्यों में मदद की उम्मीद भी कर सकती है, और इसमे कोई बुराई नहीं है.
2. पति-पत्नी दोनों मिलकर अपना घर बसाते हैं, फिर घर की जिम्मेदारियां सिर्फ पत्नी के हिस्से ही क्यों रहें?
3. ज़माना बदल रहा है और अब घर के कामकाज में पति की भागेदारी भी बढ़ रही है.
4. पत्नियां भी इसके लिए अपने पति को प्रोत्साहित करें ताकि उनका कार्यभार थोड़ा कम हो.
5. सवाल यह उठता है कि ऐसे कौन से काम हैं जिनमें पति की मदद ली जा सकती है?
6. अगर आप उनपर काम का ज्यादा बोझ नहीं डालना चाहती हैं, तो छोटे-मोटे काम जैसे घर की सफाई, बच्चों का कच्छेतर कार्य, कपड़े ठीक करना, बाज़ार से सामान लाना इत्यादि कामों में उनकी मदद ली जा सकती है.
7. अगर आप रसोईघर में खाना बना रहीं हैं, तो पति से सब्जी कटवा सकती हैं या फिर फ्रिज से ज़रूरत का सामान निकलवा सकती हैं, और रसोईघर समेटने में भी मदद ले सकती हैं.
8. इसका एक फायदा यह होगा कि आप पति की मदद से घर के कार्यों से जल्दी मुक्त हो जायेंगीं, और फिर आप उनके साथ ज़्यादा समय व्यतीत कर पाएंगीं.
9. इसके अलावा आपके इस कदम से आप दोनों का रिश्ता भी मजबूत होगा, और घर में शांति और खुशहाली रहेगी.
10. शुरू में शायद पति के काम करने का तरीका अजीब भी हो सकता है, अतः इस बात को विवाद का विषय न बनाएं.
11. पहले काम कराने की आदत डालें, फिर धीरे-धीरे काम का सलीका भी आ जाएगा.
12. कोई काम गलत हो जाने पर पति की गलती निकालने की बजाय दोनों मिलकर उस कार्य को ठीक कर लें.
13. पति के काम से आते ही उन्हें घरेलू कार्यों की लंबी सूची न पकड़ाएं, बल्कि उन्हें थोड़ा व्यक्तिगत समय देने के बाद उन कार्यों को करवाएं.
14. जहां तक हो सके, जिम्मेदारियों का बंटवारा कर लें ताकि पति समझ जाएं कि ये काम उन्हीं के हैं, क्योंकि अगर आपने सभी कार्यों की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली, तो वे जिम्मेदारी लेने से बचेंगें.
15. आप चाहे कामकाजी हों या गृहणी, घर के कार्यों में पति की मदद ज़रूर लें.

बहुकार्यण समय की मांग है

1. बहुकार्यण एक ऐसी चीज़ है जो हमारी दिनचर्या और जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है, क्योंकि हमारे पास समय कम होता है और कार्य ज़्यादा.
2. दुनिया में हर किसी को 24 घंटे ही मिलते हैं, जिसमे अपनी हर आवश्यकता और हर ख्वाहिश को पूरा करना पड़ता है.
3. हालांकि दो अंशकालिक नौकरियां एक साथ करने के लिए समय को व्यवस्थित करना आवश्यक हो जाता है, लेकिन तभी उसमे आनंद आता है.
4. दो अलग-अलग नौकरियां करने का एक फायदा यह भी होता है कि इसमे आप दो तरह के अनुभव हासिल करते हैं, जिससे आत्मज्ञान और आत्मकौशल में निखार आता है.
5. आगे चलकर इन्हीं में से कोई एक आपका पूर्णकालिक व्यवसाय भी बन सकता है.
6. यदि किसी समय यह प्रतीत होने लगे कि फलां काम आपकी इक्षा के अनुरूप नहीं चल रहा है, तो बिना किसी हिचक के आप उसे छोड़ भी सकते हैं.
7. जितने समय तक आप उसे कर रहे हैं, उतने समय तक आपको पारिश्रमिक मिलता रहेगा.
8. मेहनतपसंद लोगों के लिए "दो अंशकालिक नौकरी एक साथ" का सिद्धान्त अधिक फायदा पहुंचा सकता है.
9. पर यह दोहरी जिम्मेदारी है, जिसके लिए खुद को पहले तैयार करने की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह कार्य इतना आसान भी नहीं होता.
10. इस तरह के सिद्धांत में सबसे अहम चीज समय प्रबंधन होती है, क्योंकि आपको तीन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है - दो अंशकालिक नौकरियां और घर-परिवार - तथा उसमें बेहतर तालमेल भी बिठाना पड़ता है.
11. कई बार इसमे पारिवारिक जीवन भी गड़बड़ा जाता है, लेकिन एक बड़ी युवा जनसंख्या इस चुनौतीपूर्ण प्रवृति को अपनाने में अग्रसर है.
12. बहुकार्यण एक प्रायोगिक विधा है, फिर भी इसे असंभव नहीं माना जा सकता, और आने वाले समय में यह एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आएगा, क्योंकि इसने अन्य लोगों के जीवन में भी ऊर्जा भरने का काम किया है.

नाभि में तेल डालने के फायदे

1. नाभि से शरीर का तंत्रिका तंत्र जुड़ा होता है, और इसके जरिए के स्वास्थ समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है.
2. इसके लिए अपनी नाभि में गुनगुने तेल की 5-7 बूंदें डालनी होगी, और 5-10 मिनट ऐसे ही रहने देना होगा.
3. कुछ तेल नाभि के अंदर ही अवशोषित हो जाएगा, बाकी को हल्के हाथों से मालिश कर नाभि के चारों ओर फैलाना होगा.
4. सरसों का तेल - फटी एड़ियां, फटे होंठ और रूखी त्वचा के उपचार
5. नारियल का तेल - आंंखों में सुखापन, बाल का झड़ना, कमजोरी के उपचार
6. अरंडी का तेल - जोड़ों में दर्द, सर्दी की बीमारियों के उपचार
7. नीम का तेल - चेहरे पर फुंसी के दाग धब्बे, त्वचा से जुुड़ी समस्या के उपचार
8. नींबू का तेल - चेहरे पर दाग धब्बे, अपच की समस्या के उपचार
9. जैतून का तेल - मोटापा, जोड़ों में दर्द के उपचार
10. बादाम का तेल - रूखी त्वचा, आंंखों और दिमाग के विकास के उपचार
11. देसी घी - खुरदुरी त्वचा, फटे होंठ के उपचार

ज़िन्दगी को बेहतर ढंग से जीने के तरीके

1. ज़िन्दगी के हर पल को जी लेने का ज़ज़्बा पैदा करें.
2. हमेशा ज़िन्दगी से शिकायत करते रहने से हालात बदलेंगे नहीं, बल्कि दुख ही बढ़ेंगे.
3. ज़िन्दगी में जो अच्छे पल आपके पास हैं, वो भी आपसे छिन जाएंगे, इसलिए बेहतर होगा कि आप उनका आनंद लें.
4. घर में वायु-संचार अच्छा होना चाहिए, ताकि दिनभर ताज़ी हवा और भरपूर रोशनी रहे.
5. लोगों के बारे में एक ही धारणा कायम करना ठीक नही है, क्योंकि हर व्यक्ति की परिस्थिति अलग होती है जिसके फलस्वरूप लोग अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रियाएं देते हैं.
6. मन में एक ही बात बैठाकर उसी नज़रिये को सही न मानें, हर बात को दिल से न लगाएं, और न ही व्यक्तिगत रूप से लें.
7. मज़ाक सहना भी सीखें, वर्ना आप एक नकारात्मक इंसान के रूप में जाने जाएंगे और लोग आपसे दूर रहने में अपनी भलाई समझेंगे.
8. अपनी सोच और दृष्टिकोण हमेशा सकारात्मक और प्रगतिशील रखें, और नकारात्मक सोचने वालों के साथ ज्यादा बातचीत न करें.
9. ज़िन्दगी की भागदौड़ और तनाव में हंसी गायब न हो जाए, इसलिए खुलकर हंसे, इससे फेफड़ों में लचीलापन बढ़ता है और उन्हें ताज़ा हवा मिलती है.
10. ताउम्र अगर सरल, संतुलित बने रहने की कला आ जाए, तो रोज़मर्रा की ज़िन्दगी न सिर्फ आसान बन जाएगी, बल्कि दूसरों के लिए एक मिसाल भी बन जाएगी.

बच्चों के नखरे कैसे संभालें ?

1. बच्चों के नखरे, यानी एकाएक गुस्से से भड़क जाना, किसी भी रूप में ज़ाहिर हो सकता है, और यह समस्या एक से पांच साल के बच्चों में ज्यादा दिखती है, जो कि विभिन्न कारणों से होती है.
2. जो बच्चे स्वभाव से जल्दी परेशान होते हैं, उनमें नखरों का खतरा भी अधिक होता है.
3. तनाव, भूख और घबराहट जैसी परिस्थितियों में भी बच्चे नखरे ज्यादा करते हैं.
4. कुछ बच्चे डर, चिंता, गुस्सा और शक जैसे मजबूत भावनाओं में भी नखरे करते हैं.
5. यदि बच्चे बोरियत महसूस कर रहें हैं, तो संभव है कि वे अपनी खीज और चिड़चिड़ाहट किसी न किसी रूप में बाहर निकालें, इसलिए ज़रूरी है कि आप उन्हें व्यस्त रखें.
6. उन्हें छोटी-छोटी रोचक गतिविधियों में बांधे रखें, या फिर दूसरे बच्चों को उनके साथ खेलने के लिए बुला लें, जिससे उनके नखरों पर काबू रहेगा.
7. जब बच्चा किसी बात को ज़िद करे और पूरा न होने पर चिढ़ जाए, तो उसी वक़्त उसे विस्तार से समझाने की कोशिश करें कि उसकी बात न मानने की वजह क्या है.
8. ऐसा करने से वह आपकी बात समझ कर मान सकता है, और यदि वह फिर भी अपनी ज़िद पर अड़ा रहे तो उस वक़्त उसे कुछ भी न कहें.
9. बच्चा जब तेवर दिखाए, तो तुरंत उसे अपने पास बिठाकर गहरी-गहरी सांस लेने को कहें, जिससे उसकी भावनात्मक प्रतिक्रिया धीमी पड़ जाएगी, और यदि वो ऐसा न करे, तो आप खुद ही ऐसा करें, जिससे आपको तनाव न हो.
11. बच्चा अगर नखरे दिखाए, तो उसे सज़ा न दें क्योंकि इससे बात सुधारने की बजाय बिगड़ सकती है, इसलिए खुद को थोड़ा शांत रखें और अपने सहभागी से इस बारे में विचार विमर्श करें और फिर कोई रास्ता निकालें.
12. यदि बच्चा गुस्से में मारना, काटना, लात चलाना या चीजें उठाकर फेंकना जैसे व्यवहार करे, तो उसे तुरंत उस जगह से हटा दें, जिससे उसे या किसी और को नुकसान न हो.
13. जहां तक हो सके, उसकी हरकतों पर कोई प्रतिक्रिया न दें, या फिर संभव हो तो मुस्करा दें, जिससे उसको एहसास होगा कि ऐसी गतिविधियों से अपनी बात मनवाने का उसका प्रयास व्यर्थ है.
14. कभी-कभी बच्चा अपना गुस्सा बाहर निकालना चाहता है, इसलिए अगर वह ऐसा करे तो उसे ऐसा करने दें, जिससे वह तनावमुक्त हो सकेगा.
15. कई बार नखरे दिखा रहे बच्चे को एक ज़ोरदार झप्पी देना ही पर्याप्त होता है, इसलिए उसे बिना कुछ कहे बस देर तक गले से लगाए रखें, जिससे बच्चा खुद को सुरक्षित महसूस करता है और उसे एहसास होता है कि आप उसका ध्यान रख रहे हैं.

बच्चा बिस्तर से गिर जाए तो क्या करें?

1. छोटे बच्चे अक्सर बिस्तर पर खेलते हुए या करवट बदलते हुए ज़मीन पर गिर जाते हैं, जिसके फलस्वरूप उन्हें कभी-कभी अंदरूनी चोट भी लग जाती है जो हम मालूम नहीं कर पाते.
2. बच्चे के पूरे शरीर का निरीक्षण करें कि कहीं कोई बाहरी चोट या सूजन तो नहीं है.
3. बच्चे की आंखों को देखिए की वह ठीक से आंखों को केंद्रित तो कर पा रहा है.
4. कुछ समय बाद अगर बच्चा शांत हो जाए और आराम से सो जाए तो उसे सोने दीजिये.
5. अगर वह बहुत ज्यादा रो रहा है, और रोते-रोते अचेत हो जाए, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
6. अगर बच्चे को उल्टी हो और बुखार आ जाए, तो उसे अस्पताल में भर्ती कराएं.
7. बच्चे में बेहोशी और ऐंठन देखें, या मिर्गी की तरह के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं.
8. गिरने के बाद के कुछ दिनों में बच्चा शांत, सुस्त और ज्यादा सोए, तो डॉक्टर से मिलें और पुरानी सारी बात बताएं जिससे उसका तुरंत उपचार हो सके.
9. कुछ सावधानियां भी बरतना शुरू करें:-
a) बच्चे के बिस्तर के लिए बेड गार्ड का इस्तेमाल करें.
b) रात में बच्चे को ग्रिल लगे पालने में भी सुला सकते हैं.
c) बच्चे के बिस्तर के चारों तरफ कालीन या गद्दा बिछा दें जिससे गिरने पर भी चोट कम लगे.

अपनी अध्ययन क्षमता कैसे बढ़ाएं ?

1. हर व्यक्ति की अलग-अलग शरीर की घड़ी होती है, इसलिए इसका विश्लेषण करके अपनी पढ़ाई से संबंधित करें.
2. कुछ लोगों को सुबह जल्दी उठकर पढ़ने से ज्यादा समझ में आता है और याद रहता है, जबकि बहुत से लोगों को रात में पढ़ने से ज्यादा समझ में आता है और अच्छी तरह याद होता है.
3. अगर आप हर दिन कुछ भी बिना योजना बनाये पढ़ाई करेंगे, तो कुछ भी हासिल नहीं होगा.
4. इसलिए किसी भी काम को करने के लिए उचित योजना बनाना अनिवार्य है.
5. सबसे ज्यादा जरूरी है कि अगले दिन आप क्या करने वाले हैं, इसलिए इसका पूरा खाका रात में ही बना लेना चाहिए.
6. ध्यान रखें कि आप इस खाके के अनुसार अपने कार्य को समय से पूरा कर पा रहें हैं या नहीं.
7. अगर आपको लगता है कि आपको पर्याप्त समय नहीं मिल पा रहा है, तो अपने पढ़ने की तकनीक पर ध्यान देना चाहिए, जैसे कि आप किसी विषय को समझने के लिए यू-ट्यूब का भी सहारा ले सकते हैं.
8. स्मार्टफोन में चित्र, नक्शे आदि की फ़ोटो भी संचय कर सकते हैं, और ज़रूरत पड़ने पर उन्हें देखकर समझ सकते हैं.
9. ये तरीके बस या ट्रेन में सफर के दौरान बहुत मददगार होते हैं.
10. पढ़ते समय या इसकी योजना बनाते समय उसकी अवधि का ध्यान ज़रूर रखें.
11. अगर ज़रूरत पड़े तो पढ़ाई के दौरान छोटे-छोटे अंतराल भी लें और पढ़ाई के तकनीकों का मिश्रण भी करें.
12. कोई भी पढ़ाई की योजना अपनी क्षमता अनुसार ही बनाएं.

भारी शरीर पर महिलाएं क्या पहनें?

1. फर्श तक की लंबाई वाली अनारकली
- यह अतिरिक्त मोटापे को आसानी से ढँक लेता है.
- इसके साथ दुपट्टा ज़रूर ओढ़ें.
2. लंबी चोली लहंगा
- लहंगे के साथ आप लंबी चोली पहनें, जिससे अतिरिक्त मोटापा छिपा रहे.
- इसके लिए आप चोली के साथ जैकेट या कुर्ती-शैली की चोली भी पहन सकती हैं.
3. जैकेट ब्लाउज और साड़ी
- साड़ी के साथ आप जैकेट-शैली की ब्लाउज पहनें.
- पल्लू को बहुत फैलाकर न लें, बल्कि छोटी-छोटी चुन्नटें बना लें.
4. चीर कुर्ता
- इन्हें आप स्कर्ट, धोती, चूड़ीदार इत्यादि के साथ पहन सकती हैं.
5. भारतीय-पश्चिमी गाउन
- प्लस-आकार के शरीर पर ये बहुत फबते हैं.
- इन्हें किसी भी अवसर पर पहना जा सकता है.

अपने चेहरे के हिसाब से बिंदी चुनें

- यह कभी न सोचें कि आपके चेहरे पर बिंदी नहीं जंचती.
- हो सकता है कि आपकी बिंदी का चयन आपके चेहरे के अनुसार न रहा हो.
1. त्रिकोण चेहरा
- जिन लोगों का माथा चौड़ा और ठोड़ी नुकीली होती है, उनका चेहरा त्रिकोण चेहरा कहलाता है.
- इस पर किसी भी आकार और माप की बिंदी सुंदर लगती है.
2. चौकोर या आयताकार चेहरा
- जब माथा, गालों की हड्डियां और जबड़े की चौड़ाई सब एक बराबर हो, तो ऐसे चेहरे को चौकोर या आयताकार चेहरा कहते हैं.
- ऐसे चेहरे पर गोल और वी-आकार वाली बिंदी बहुत अच्छी लगती हैं.
- ऐसे चेहरे पर ज्यामितीय बनावट वाली बिंदी नहीं फबती हैं.
3. दिल के आकार का चेहरा
- जिन लोगों का माथा चौड़ा, उभरे हुए गाल और नुकीली ठोड़ी हो, तो ऐसे चेहरे में दिल का आकार बनता है.
- इस चेहरे पर छोटी बिंदी खूबसूरत लगती है.
- ऐसे चेहरे वाली महिलाओं को बड़ी बिंदी लगाने से बचना चाहिए.
4. गोल चेहरा
- जिनके चेहरे का आकार गोल हो, तो उन्हें लंबी बिंदी लगानी चाहिए.
- इस चेहरे पर बहुत बड़ी बिंदी लगाने से बचें.

सफलता के लिए अवसर को पकड़ें

1. सफल होने वाले व्यक्ति हम आप जैसे ही होते हैं.
2. लेकिन ऐसे व्यक्ति सिर्फ यह जानते हैं कि दृढ़ संकल्प के बल पर ही लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है.
3. ये बिना विचलित हुए अपने दृढ़ संकल्प और कर्म के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं, भले ही उनके रास्ते में कितनी ही परेशानियां, मुसीबतें और बाधाएं क्यों न आएं.
4. लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निराशा से मुक्ति पाकर हर अनुकूल-प्रतिकूल स्तिथि में अपना उत्साह बनाये रखना, समय का एक पल भी नष्ट न करना, परिश्रम से न घबराना, धैर्य बनाये रखना, समुचित कार्ययोजना बनाकर अमल में लाना, आदि पर भी ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है.
5. सफलता के लिए एक लक्ष्य ठान लेना भी ज़रूरी है, चाहे कुछ भी हो जाए और इसके लिए चाहे कुछ भी करना पड़े.
6. हो सकता है कि किसी व्यक्ति को सफलता आसानी से या सयोंगवश मिल गई हो, लेकिन इस प्रकार के किसी संयोग या अपवाद के आसरे भाग्य के भरोसे बैठ सफलता पाने की सोचना मूर्खता के शिव कुछ और नहीं.
7. किसी उपयुक्त अवसर को छोड़ना भी नहीं चाहिए, जिसकी पहचान अपने विवेक और दूरदृष्टि से की जा सकती है.
8. इच्छाशक्ति हमारे संकल्प को दृढ़ता प्रदान करती है, इसलिए इसे कभी कमजोर नहीं होने देना चाहिए.
9. इससे हमें निराशा जैसी नकारात्मक स्तिथि से भी छुटकारा मिलता है.
10. संकल्प कर लेने के बाद अपने पिछले कार्यों, व्यवहार, अभ्यास, आदतों, आदि पर स्वयं अपने आलोचक बनकर कड़ी दृष्टि डालनी चाहिए, क्योंकि अपना उचित मूल्यांकन करना भी ज़रूरी है.
11. गलत ढंग से और बिना कार्ययोजना के कर्म करते जाना भी व्यर्थ है.
12. इसके लिए अपने प्रति, अपने संकल्प के प्रति, और अपने प्रयासों के प्रति ईमानदार रहना ज़रूरी है.
13. कोई सफलता छोटी या बड़ी नहीं होती, इसलिए उसे किसी पैमाने से नापना व्यर्थ है.

अपनी प्रतिभा पहचान कर कौशल बढाएं

1. केवल किताबी कीड़ा बनकर या डिग्रियों का ढेर लगाकर ही सफलता की कामना नहीं की जा सकती है.
2. अपने अंदर झांक कर अपनी प्रतिभा को टटोलें कि किन क्षेत्रों में आप अपनी दक्षता को विकसित कर बाजी मार सकते हैं.
3. इसके अलावा जो क्षेत्र आपको सर्वाधिक उपयुक्त लगे, उसमें विशेषज्ञों की सलाह लेकर अपना कौशल बढाएं.
4. योग्यता के लिए अध्ययन के साथ उन गतिविधियों में हिस्सा लें जिनसे आत्मविश्वास विकसित हो, क्योंकि कार्यशालाओं और व्यक्तित्व विकास वाली संस्थाओं में यही सब तो किया जाता है.
5. ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलें, उन्हें अपनी जानकारी दें और उनकी जानकारी लें, इससे जानने वालों का संजाल लंबा होगा और सफलता उतनी ही करीब हो सकती है, क्योंकि संपर्क सफलता में उत्प्रेरक की भूमिका निभाता है.
6. आज की प्रतिस्पर्धा में नई तकनीक का महत्व नकारा नहीं जा सकता है, इसलिए कम्प्यूटर के साधारण ज्ञान की बजाय थोड़ी अधिक दिलचस्पी दिखाएं, क्योंकि यह आपके निर्माण की विभिन्न मांगों को पूरा कर सकता है.
7. अपने परिवार को भी पर्याप्त समय दें, क्योंकि परेशानी और तकलीफ के वक्त पारिवारिक आमोद-प्रमोद से आपका संघर्ष आसान हो जाता है, और आप तनावमुक्त होकर अपने निर्माण की राह पर अग्रसर हो सकते हैं.
8. आपका संघर्ष, आपकी परेशानी नितांत निजी मामला है, इसलिए इसका असर दूसरों के साथ अपने व्यवहार में न आने दें, क्योंकि सभी के साथ मिलकर काम करना ही प्रबंधन का मूलमंत्र है.

बच्चों को कैसे उत्तरदायी बनाएं?

1. अभिभावकों और शिक्षकों से बच्चों में आलस्य की शिकायत अक्सर सुनने को मिलती है.
2. काम के लिए बच्चों का टालमटोल करना भी सामान्य चलन हो गया है, और यह आदत उनके वयस्क होने पर भी बनी रहती है.
3. अक्सर बच्चों में इसकी वजह अभिवावकों, शिक्षकों और दोस्तों की अपेक्षाओं के अनुरूप प्रदर्शन करने की क्षमता का आभाव होता है.
4. उनपर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव बढ़ता रहता है, जबकि बच्चों की मुश्किल को कोई पहचानने की कोशिश नहीं करता, इसलिए ऐसे में जरूरी है की इस ओर जागरूकता बढ़ाएं.
5. बच्चे को छोटे और विशिष्ट लक्ष्य रखने में मदद करें, और अपने निर्देश बिल्कुल स्पष्ट रखें.
6. लक्ष्य निर्धारित करने में बच्चे को शामिल करें, क्योंकि इससे वह लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध होगा.
7. उसके काम को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट दें, जिससे वह उसे आसानी से पूरा कर सके.
8. बच्चे पर ज़्यादा निगरानी और रोकटोक न करें, और उनके साथ बेहतर रिश्ते बनाएं.
9. इससे न सिर्फ आप बच्चों का भरोसा जीतेंगे बल्कि बच्चे के अनुभव को आप बेहतर ढंग से समझ भी सकेंगे.
10. अगर आप खुद को बच्चे की कोशिशों में शामिल करेंगे, तो उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा और आप उनके संघर्ष का हिस्सा भी बन जाएंगे.