*कठिन परिस्थितियों में*
कभी मत पूछो,
"मैं ही क्यों"?
हमेशा बोलो,
"मुझे भी आज़माओ"।
साधारण व्यक्ति केवल "समस्या" देखता है,
ज्ञानी व्यक्ति "समाधान" भी निकालता है।
उन लोगों से "सावधान" रहें,
जो हर चीज़ की,
"कीमत" जानते हैं,
लेकिन किसी भी चीज़ का,
"मूल्य" नहीं जानते हैं।
कभी मत पूछो,
"मैं ही क्यों"?
हमेशा बोलो,
"मुझे भी आज़माओ"।
साधारण व्यक्ति केवल "समस्या" देखता है,
ज्ञानी व्यक्ति "समाधान" भी निकालता है।
उन लोगों से "सावधान" रहें,
जो हर चीज़ की,
"कीमत" जानते हैं,
लेकिन किसी भी चीज़ का,
"मूल्य" नहीं जानते हैं।